31st vote is mine to you, vote me too
प्रेम का अथाह सागर
लगाती हूँ जिसमे डुबकियाँ
गर हो कभी कोई गलती
देती है मीठी -सी झिड़की
छुपा लेती पल्लू में
आती जब कोई मुझपर आंच ।
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बेहतरीन रचना मैम… आपको साहित्यपीडिया पर देख कर खुशी हुई
वोट भी किया…29 सादर???
बहुत ही सुंदर रचना है। वाह वाह! मेरा वोट स्वीकार करें व मुझे भी अपने वोट का आशीर्वाद प्रदान करें।
बेहद उम्दा। आपकी रचना पर 27वा वोट मेरा। कृप्या मेरी कविता भी पढ़े और यदि आपको पसंद आए तो वोट जरुर करें ?
बहुत-बहुत धन्यवाद ।जी ,जरूर ।
सुंदर रचना जी 26वां वोट मेरी तरफ से आपको और हो सके तो मेरी रचना पर भी अपना अपना मत देकर कृतार्थ करें ।
बहुत-बहुत धन्यवाद नीलम जी ।
सुंदर रचना।25वां मत मेरा स्वीकार करे।मेरी रचना को भी मत से अनुग्रहित करे।शुभकामनाएं।
बहुत-बहुत धन्यवाद । आपकी सुंदर रचना को वोट दे दिया है
खूबसूरत रचना जी, 24वा मत मेरा स्वीकार करे, और मेरी रचना पर भी अपनी दयादृष्टि डाले और अपना वोट देकर मुझे अनुग्रहित करें।
आपके सुन्दर रचना के लिए २३ वां वोट मेरे ओर से स्वीकार करें. मेरी रचना , “हे मां, तुम्हें नमन हैं”, पर अपना सुझाव दे और अच्छी लगी तो अपना वोट अवश्य दें
बहुत-बहुत धन्यवाद ..। आपकी रचना बहुत अच्छी लगी ,मत भी दे दिया ।
अति सुंदर रचना मेरा वोट आपको और आग्रह है कि मेरी रचना “माँ की कीमत” को भी पढो और आपका मत पड जाय तो आपका आभारी हूँगा।। मेरा 22वा मत है
बहुत-बहुत धन्यवाद सचिन जी ,मैंने आपकी रचना पढी ,और अपना मत भी दे दिया है ।
माँ की ममतामयी तस्वीर उभारती माधुर्य से परिपूर्ण रचना।
शुभकामनाऐं।
VOTED
बहुत-बहुत धन्यवाद रविन्द्र जी ।
अतिसुन्दर रचना ! अशेष शुभकामनाएं ,सादर ‘एकलव्य’ ‘
बहुत-बहुत धन्यवाद ध्रुव जी ।
अति सुन्दर रचना….
धन्यवाद ,भाई ।
उत्तम सृजन। मत स्वीकार करें और मेरी कविता पढ़ कर मत देकर कृतार्थ करें ।
बहुत-बहुत धन्यवाद