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Comments (42)

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Rahul ji marmik poem voted63 for the poem.look my poem also if you like it please vote me

13 Nov 2018 02:05 PM

Nice poem sir Mera vote savikar krai or meri poem padai aachi lagai to vote dai please

12 Nov 2018 05:04 PM

बहुत सुंदर। वोट किया। कृपया मेरी रचना भी पढें।

बहुत ही सुंदर रचना है। वाह वाह! मेरा वोट स्वीकार करें व मुझे भी अपने वोट का आशीर्वाद प्रदान करें।

Plz vote me too if u like my poem

55वाँ वोट मेरा आपको

10 Nov 2018 09:04 PM

Nice

10 Nov 2018 07:17 PM

अति सुंदर जी 54वां वोट मेरी तरफ से आपको और हो सके तो मेरी रचना पर भी अपना मत देकर कृतार्थ करें ।

Vote me too plz

Nice penning

9 Nov 2018 07:01 PM

खूबसूरत रचना जी, 52वा मत मेरा स्वीकार करे, और मेरी रचना पर अपना मत देकर मुझे अनुग्रहित करें।

कविता के लिये मत दिया है। अच्छी रचना के लिए बधाई। कृपया मेरी रचना भी पड़े। कविता मत के लायक हो तो,अपेक्षा है।

बहुत अच्छा लिखा है जी। कृया मेरी पोस्ट ध्यान दे

अति सुंदर भ्राता श्री।

Thank youVote bhi kar dena chote bhai

आपकी रचना प्रभावी है परन्तु चंद त्रुटियों को दूर करें ,जैसे कई पंक्तियों में है को हैं करें ,वालो को वालों करें ,मात-पिता को ऐसे लिखें ,करे को करें करें ,हँसी-खुशी ऐसे लिखें , कृपया इसे अन्यथा न लें ! सादर ‘एकलव्य’

आपके इस मार्गदर्शन का सादर स्वागत है, इस रचना में तो शायद सुधार नही हो पायेगा किंतु अगली बार से मैं जरूर धयान दूँगा ।धन्यवाद एकलव्य जी

मैंने सुधार का प्रयास किया है आप का मार्गदर्शन बहुत अच्छा लगा

माँ सृष्टि का आधार है .. ब्रह्माण्ड का विस्तार है।
प्रकृति का दुलार है… घर-घर का संस्कार है।
ऐसी स्नेह-वात्सल्य-ममता-प्रेम की प्रतिमूर्ति को बारम्बार नमस्कार है। माँ बारम्बार नमस्कार है।।

धन्यवाद

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