Comments (23)
8 Nov 2018 12:42 PM
कविता मातृ भाव से ओत प्रोत है।बहुत भावुक रचना है।
2 Nov 2018 10:53 PM
आपकी रचना पढ़ी मुझे भावुक कर गई ! बहुत ही सुन्दर ,क्षमा करें कुछ त्रुटि सुधार करें ! चाहूँ और आँसू ऐसे लिखें ,बनकर एक साथ लिखें,कई स्थानों पर आज्ञा सूचक (!)चिन्हों की कमी खलती है ,जाऊं को जाऊँ करें ,लगकर एक साथ लिखें,हूं को हूँ करें,कृपया इसे अन्यथा न लें ! स्नेह ‘एकलव्य’
खूबसूरत रचना जी, 14वा मत मेरा स्वीकार करे, और मेरी रचना पर भी अपनी दयादृष्टि डाले और अपना वोट देकर मुझे अनुग्रहित करें।