Super poem
Wah
THANKS.
अति सुन्दर रचना
Thanks a lot.
आम की महिमा पढ़कर हमरे मुँह में पानी आवत।
केसर खाकर पड़ो चैन,और मजो लग गया आवन।।
wah. Thanks a million.
Sundar aur rochak kavita
Thanks .
great creation.
Thanks .
,*आम
आम तो आम ही है पर आपके कहने का लहजा खास है।बहुत सुंदर प्रस्तुति। अब आपके सेंचुरी को पार करने वाले है।कृपया मेरी अन्य रचनाओं का भी अवलोकन करे और अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दीजिएगा। इंतजार रहेगा।
Thanks a lot.
बहुत सुंदर,,
Thanks .
Superb sir
Thanks a lot.
सही मे आम की बात ही निराली है। बहुत सुंदर रचना सर।
Thanks a lot, Anamika ji.
superb,,,,,,
Thanks.
Very nice sir ji
Thanks a lot.
Ati sundar
Thanks a ton.
‘आम की महिमा ‘ सचमुच न्यारी और प्यारी
Thanks a million, dr. Madhu..!
Good
Thanks a ton
आम की महिमा न्यारी,
आशा पर आम और अमिया भी बलिहारी !!
Thanks a lot, dr.Pankaj..!
Ati sunder
उक्त रचना “राष्ट्रीय आम दिवस” 22/07/2022 को सृजित की गई।
बहुत ख़ूब।