समय बढ़ा बलवान होत है, पूजा होन लगी छोटो की। मन सूख रये, तन सुख रये, तौंद पचक गई, मोटो की।। चार दिनों की है चांदनी, गिनती तो होन दे बोटों की। ढूढे से ने मिलहे भैया, फिर अपनी अपनी चिंता रोटी की।। – श्यामा
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वाह वाह वाह वाह
आशीर्वाद
आपका आशीर्वाद।।
समय बढ़ा बलवान होत है,
पूजा होन लगी छोटो की।
मन सूख रये, तन सुख रये,
तौंद पचक गई, मोटो की।।
चार दिनों की है चांदनी,
गिनती तो होन दे बोटों की।
ढूढे से ने मिलहे भैया,
फिर अपनी अपनी चिंता रोटी की।।
– श्यामा