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18 Aug 2021 07:25 PM

करते करते खुद से मुलाक़ात, खुल गए आपके सारे ऐसे जज़्बात, जो खुद ही कह रहे सारे भावार्थ, सुंदर, सुसज्जित भावों से पंक्तियां इतनी हुई हैं चरितार्थ, कि यह रचना बन गई है लाज़वाब ! ऊपर से हृदय स्पर्शी की भी छोड़ गई है छाप ! सचमुच, बहुत ही बेजोड़ रचना बनाईं हैं आप ! आपको शुभकामना संग देता हूॅं बहुत धन्यवाद !!

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बहुत आभार इस सुंदर अंदाज में उत्साहवर्धन करने के लिए।

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