बरसात , में लिखना बाकी है,
बसंत अभी आनी है,
मानसून तो कुछ दिन बाकी है,
मन की सिलाही भरी पड़ी है,
मैदान में जंग छिड़ी पड़ी है,
कुछ एक खिलाड़ी ‘वॉर्म अप ‘,
कुछ एक खेल चुके है,
८०० के ऊपर लिख चुका,
बस इतनी सी बात मनवानी है,
मैं तो आप का स्नेही हूं,
यहीं गुज़ारिश रही हैं,
बनी रहे आपका आशीर्वाद।
धन्यवाद
इस बार साहित्यपीडिया ने बरसात विषय पर पर काव्य विधा का आयोजन किया है। जिसमें कविगण एक से पाँच रचनाएँ तक जमा करवा सकते हैं। आदरणीया आपका इस प्रतियोगिता में भाग न लेने का कारण स्पष्ट नहीं हुआ। अभी 16 जून तक प्रतियोगिता है। उम्मीद है आपकी रचनाएँ प्रतियोगिता में देखने को मिलेंगी।