सर विज्ञान में और अपराधी में कोई तुलना नही हो सकती क्योंकि विज्ञान तो खोज से पहले भी थी खोजे जाने के बाद भी है क्योंकि विज्ञानं ही प्रकृति है । जब इंसान की सोचने की क्षमता या फिर देखने की क्षमता बढ़ जाती है तो वह पीसले से ओझल विज्ञानं को देखना शुरू कर देता है और इसे ही खोज कहता है।
दूसरा अपराध जन्मजात नही होता, क्योकि कोई भी इंसान अपराधी पैदा नही होता कुछ मजबूरी में अपराधी तो कुछ लालच में अपराधी होते है या फिर कुछ सरकारी/निजी व्यवस्था की कमी का लाभ उठाते हैं।
इसलिए अपराध केवल इंसानो के जन्म से साथ ही आया है जबकि विज्ञानं इंसानो से पहले भी थी और इंसानो के बाद में भी होगी।
अपराध सुरक्षा इंतजामो की कमी के कारण होता है। सुरक्षा करना सत्ता या सरकार की जिम्मेवारी है क्योकि हम उसको इसलिए चुनते हैं और इसलिए ही उनको टैक्स देते है।
सर विज्ञान में और अपराधी में कोई तुलना नही हो सकती क्योंकि विज्ञान तो खोज से पहले भी थी खोजे जाने के बाद भी है क्योंकि विज्ञानं ही प्रकृति है । जब इंसान की सोचने की क्षमता या फिर देखने की क्षमता बढ़ जाती है तो वह पीसले से ओझल विज्ञानं को देखना शुरू कर देता है और इसे ही खोज कहता है।
दूसरा अपराध जन्मजात नही होता, क्योकि कोई भी इंसान अपराधी पैदा नही होता कुछ मजबूरी में अपराधी तो कुछ लालच में अपराधी होते है या फिर कुछ सरकारी/निजी व्यवस्था की कमी का लाभ उठाते हैं।
इसलिए अपराध केवल इंसानो के जन्म से साथ ही आया है जबकि विज्ञानं इंसानो से पहले भी थी और इंसानो के बाद में भी होगी।
अपराध सुरक्षा इंतजामो की कमी के कारण होता है। सुरक्षा करना सत्ता या सरकार की जिम्मेवारी है क्योकि हम उसको इसलिए चुनते हैं और इसलिए ही उनको टैक्स देते है।