Thanks ji
महोदया, आपका अभी तक मेरे पृष्ठ ‘मेरी भोली “माँ” (सहित्यपिडिया काव्य प्रतियोगिता)’ नामक रचना पर स्नेह रूपी मत देने हेतु स्वागत है।। ?
आपका वोट नहीं मिला मुझे, आपको मेरी भावनात्मक व्यंजनाएं कदाचित अच्छी नहीं लगी, परन्तु रचनाकार नहीं रचनाएं सर्वोपरी होती हैं, सादर…. यह बात केवल उस मिथक को पर प्रहार हेतू कह रहा हूं, जो इसे उसी प्रकार से ले रहे हैं या महसूस कर रहे हैं सादर… आभार
वाह गज़ब की प्रस्तुति।।