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14 May 2020 12:03 PM

अमन जी संभव है, पंजाब, हरियाणा के अलावा भी बड़ी जोत के किसान इस परिधी में ना हों, किन्तु भारत में छोटी जोत के किसानों को यह संपन्नता हासिल नहीं है, मैं उत्तराखंड से हूं, यहां पर भी बड़े किसान मौजूद हैं, लेकिन हमें उस छोटी जोत के किसानों की चिंता है,जो अब किसानी छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं,लागत से कम दाम, और से मौसमी वर्षा से कमर टूटी पड़ी है, और अन्य रोजगार भी प्रर्याप्त नहीं है,
भावी पीढ़ी तो मजदूरी करने लगे हैं, खेती छोड़ कर,खेत या तो बहनों में तब्दील हो गये हैं,या फिर दलालों के पास बिक्री के लिए रख लिए हैं।

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14 May 2020 05:36 PM

जी sir सहमत हूँ but हमारी इंसानी बुद्धि ही ऐसी है पैसा आजाये तो दिमाग खराब हो जाता ना आये तो तड़पते रहते है,
फिर भी मैं उन लोगों को ज्यादा लाचार मानता हूँ जो रोज का कमाकर खाते है जिनके पास न कोई ज़मीन ना जायदाद कुछ भी नही,आधे लोगो के पास जमीन है पर उसे खेती करने का ढंग नही पता हमारे पंजाब से हज़ारों किसानों ने up बिहार mai moti ज़मीनें खरीद रखी उसको भी उपजाऊ बना लिया,सरकार को रेट तो ठीक देती अब but जो उसने कृषि संस्थान बनाये वो निकमे हैं लोगों को जागरूक नही करते कोनसी फसल kaise लगानी✍️

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