हहहहहह वाह…
वादा करता भ्रात ये, लाएगा वर खोज। माॅल घुमाए वो तुझे, पैर दबाए रोज।। पैर दबाए रोज, रोज पिज़्जा मंगवाए सैलरी रक्खे हाथ, रात को शहर घुमाए मणि कहता मुस्काय, रहे वो सीधासादा लाउंगा वर खींच, भ्रात ये करता वादा।।
????गज़ब का लिखी हो
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हहहहहह वाह…
वादा करता भ्रात ये, लाएगा वर खोज।
माॅल घुमाए वो तुझे, पैर दबाए रोज।।
पैर दबाए रोज, रोज पिज़्जा मंगवाए
सैलरी रक्खे हाथ, रात को शहर घुमाए
मणि कहता मुस्काय, रहे वो सीधासादा
लाउंगा वर खींच, भ्रात ये करता वादा।।
????गज़ब का लिखी हो