प्रेम” एक ऐसा रस है जो हर जगह अपनी अलग ही पहचान बना कर रखा है | चाहे कहानी, कविता, फिल्म हो या असल जिंदगी , हर जगह इसका स्थान सर्वोपरि होता है | प्रेम किसी भी रूप में हो सकता है | चाहे माँ-पिता का प्रेम हो , चाहे भाई-बहन का प्रेम हो
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सही हा
सही कहा आपने
प्रेम” एक ऐसा रस है जो हर जगह अपनी अलग ही पहचान बना कर रखा है | चाहे कहानी, कविता, फिल्म हो या असल जिंदगी , हर जगह इसका स्थान सर्वोपरि होता है | प्रेम किसी भी रूप में हो सकता है | चाहे माँ-पिता का प्रेम हो , चाहे भाई-बहन का प्रेम हो