महिलाओं के प्रति आपकी चिंता जायज है, लेकिन पुरुष प्रवृत्ति में इतनी संवेदना कहां बची है, वह तो अपने पौरुष को लेकर ही अभिभूत है! आपका प्रयास सराहनीय है।
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जी बिल्कुल सही कहा आपनें।
महिलाओं के प्रति आपकी चिंता जायज है, लेकिन पुरुष प्रवृत्ति में इतनी संवेदना कहां बची है, वह तो अपने पौरुष को लेकर ही अभिभूत है! आपका प्रयास सराहनीय है।