आदरणीय जांगिड़ आपकी कृपा नहीं हुई। हमें तो आपकी रचना काफ़ी भई….. हमने आपको वोट भी किया। शायद आपको हमारी रचना “कोरोना दोहा नवमी” पसन्द नहीं आयी…. अन्यथा आप अपने बहुमूल्य वोट से ख़ाकसार को वंचित न रखते।
मै आप सभी से माफी चाहूंगा में किसी को भी वोट नहीं कर पा रहा हूं मेरी id के द्वारा , पता नहीं ऐसा क्यों हो रहा है , ओर आप की रचना काफी अच्छी लगी है हमे ,पर हम माफी चाहते है हम वोट नहीं कर पा रहे
आदरणीय जांगिड़ आपकी कृपा नहीं हुई। हमें तो आपकी रचना काफ़ी भई….. हमने आपको वोट भी किया। शायद आपको हमारी रचना “कोरोना दोहा नवमी” पसन्द नहीं आयी…. अन्यथा आप अपने बहुमूल्य वोट से ख़ाकसार को वंचित न रखते।