तेरे नहीं हो पाए हम!यह कसक अधूरी है,क्या वह अपने हो पाए! शायद कोई कमी रह गई हो, आपसी समझ में या फिर मिलन ही भाग्य में न हो? जो भी हो आगे बढ़ने से क्षतिपूर्ति हो जाया करती है! शुभकामनाएं।
You must be logged in to post comments.
आभार आदरणीय
तेरे नहीं हो पाए हम!यह कसक अधूरी है,क्या वह अपने हो पाए! शायद कोई कमी रह गई हो, आपसी समझ में या फिर मिलन ही भाग्य में न हो? जो भी हो आगे बढ़ने से क्षतिपूर्ति हो जाया करती है! शुभकामनाएं।