महेंद्र जी,बहुत ही प्रेरक प्रसंग को जन सामान्य के समक्ष प्रस्तुत किया है! आखिर यह है भी तो उसी के लिए,उसके द्वारा स्वयं के लिए परोशा हुआ
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जी बिलकुल खुद के चक्रव्यूह में फँसने से पहले, एक तरफा द्वार वाली गुफा में कैसे धकेला गया, जान जाये तो, चक्रव्यूह खुद टूट जाता है ? सकारात्मक प्रतिक्रिया के लिये तहेदिल आभार ?
महेंद्र जी,बहुत ही प्रेरक प्रसंग को जन सामान्य के समक्ष प्रस्तुत किया है! आखिर यह है भी तो उसी के लिए,उसके द्वारा स्वयं के लिए परोशा हुआ