अपनी ज़मी को तो न संवार पाये हम चांद तारों को छूने की ख़्वाहिश रखते हैं । बहुत बढ़िया ।
You must be logged in to post comments.
बहुत बहुत शुक्रिया
अपनी ज़मी को तो न संवार पाये हम
चांद तारों को छूने की ख़्वाहिश रखते हैं ।
बहुत बढ़िया ।