Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Sep 2021 · 6 min read

मैथिली सीखू (हास्य कथा)

मैथिली सीखू ।
एकटा हास्य कथा ।

कोइलख वाली काकी खिसियाअैत बजलीह भरि दिन बैसल फुसियांहिक गप नाद मे लागल रहैत छी एहि स नीक जे किछू काज-राज करब से किएक नहि करैत छी। इ सुनि गजानन बाबू गरजैत बजलाह हम की करू हम त मैथिली पढ़ने छी काज राज त करैते छी त आब की करू। काकी खोंजाइत बजलीह किएक अई इ टीशन पढ़ाएब से नहि जे किछू आमदनी होइत त गाम मे कनेक खेत पथार सेहो कीन लेब। देखैत छियैक रमानन बाबू टीशन पढ़ा संपैत ढ़ेरिया लेलैन आ अहा गप नाद मे ओझराएल रहैत छी। गजानन बजलाह हे यै कोइलख वाली अहा सपना तपना देखैत छीएक टीशन तहू मे मैथिली के। इ सुनि काकी मुह चमकबैत बजलीह हे महादेव कनि अहि हिनका मति दियऔन। एतबाक मे गजनान बाबू फुफकार छोरैत बजलाह अईं यै अहा महादेव के किएक कहैत छियैन देखैत छियै महादेवक कृपा सॅ हम मैथिली स फस्ट डीविजन मे बी ए पास केने छी त आब की।
काकी बजलीह यौ बाबू सोझहे डिग्री टा लेला स की होइत की ओकर किछू सार्थक काज सेहो हेबाक चाहि। देखैत छियैक आब लोग मैथिलियो पढ़ि कल्कटर लेखक भाषाविद् बनि रहल अछि मुदा अहॉ के मैथिली पढ़ाएब मे कोन मासचरज लगैए से नहि जानि। गजानन बाबू गमछा स देह कुरियबैत बजलाह यै कोइलख वाली ज अहा कहैत छी त हम कनेक रमानन बाबू स विचार पूछने अबैत छी ओ एतेक दिन स टीशन पढ़ा रहल छथि हुनका स परमार्श लेनै नीक रहत। काकी बजलीह जाउ अहॉ यै जल्दी जेब्बो टा करू अहॉ बड्ड ठेलीयाह आ कोंरहियाठ भ गेलहू। गजानन हॅफैत हा हा हा क बजलाह हइए हम एखने जा रहल छी कहू त नीक काज मे एतेक देरी किएक।
रमानन बाबू विद्यार्थी सभ के पढ़बैत रहैथ की तखने गजानन धरफराएल ओतए पहुचलाह आ बजलाह कि औ सर किछू हमरो जोगार धरा दियअ। हुनका देखैत मातर रमानन बाबू बजलाह ओ हो मिस्टर गजानन कम कम मोस्ट वेलकम। गजानन पानक पीक फेकि बजलाह अपन लंगोटिया यार भ मैथिली मे बजबह त अंग्रेजी झारै मे लागल छह। इ सुनि रमानन बाबू बजलाह ओ मिस्टर गजानन प्लीज स्लोली स्टूडेंट इज हियअर सो प्लीज वेट। गजानन बजलाह रौ दोस इ वेट फेट छोड़ आ हमरो गप पर घियान दहि। इ गप सुनि रमानन बाबू विद्यार्थी सभ के ज्िल्दए छुट्टी दए देलखिहिन ओ सभ चल गेल। तकरा बाद रमानन बाबू रमानन बाबू बजलाह अई रौ गजानन तहू हरदम धरफराएल अबैत छैं कह की गप किएक एतेक अपसिंयात छैं। गजानन बजलाह रौ भाइ की कहियौह तोहर भाउज कहिया स हुरपेट रहल अछि जे टीशन किएक नहि पढ़बैत छी मुदा हमरा त किछू ने फुरा रहल अछि की करू। ओ बजलाह भाउज ठीके त कहि रहल छौ रौ दोस।
गजानन बजलाह तोहि कह ने भाइ एखुनका एडभांस युग मे अगबे मैथिली के पढ़त एखन त जतए देखहि अंग्रेजी सीखू के बोर्ड लागल रहैत छैक तहू मे पहिने सीख लियअ फिस 15 दिन बाद दियौअ सेहो स्कीम रहैत छै । एना मे छौड़ा मारेर सेहो खाली अंग्रेजी स्पोकन मे नााम लिखा रहल अछि अपना भाषा स कोन काज छैक ओकरा। रमानन बाबू बजलाह से त ठीके मुदा भाइ तू चिता जूनि कर मैथिली संगे अंग्रेजी फ्री क दिहैक त तोरो बिक्री बट्टा भ जेतौह। गजानन हफैत बजलाह भाइ फरिछा के कह हम अपसियात भेल छी आ तू गप मारि रहल छैं। तखन रमानन बजलाह नहि रौ भाइ ठीके कहि रहल छियौ देखहि आइ काल्हि त देखते छिहि एकटा समान संगे एकटा फ्री देबही तबे किछु बिक्री हेतौह। तू मैथिली पढ़बहिए आ हम तोरे कोचिग मे आबि के फ्री मे अंग्रेजी पढ़ा देबै त तोरो काज हलूक भए जेतौ। ई सुनि गजानन खुशि स मोने मोन नाचए लगलाह आ हॅफैत हा हा के हसैत बजलाह हइए हम एखने चललियौ रौ भाइ जाइत छियैक हम आइए अपना घर के आगू मे मैथिली स्पोक मे बरका टा बोर्ड टांगि देबै आ ओहि बोर्ड मे लिख देबै मैथिली संगे अंग्रेजी फ्री मे सीखू। गजानन ओतए स आपीस आबि घरक आगू मे बरिका टा बोर्ड लगौलैन।
सलीम आ डैनी दुनू गोटे कपरा किनबाक लेल फटफटिया पर बैसी बजार जाइत रहै की सलीम बाजल भाइ हमरा त मैथिली सीखने का मन करैत अछि। एतबाक सुनि डैनी खूम जोर स हसैत बाजल ए भाइ अहा के दिमाग सठिया गया है की भगैठ गया है। कहू त सभ अंग्रेजी सीखता है आ बम्बई जैसन शहर मे अहा मैथिली सीखेगा। सलीम बाजल भाई अहा एतेक देरी स कोनो गप किएक बुझता है। हम सभ परदेश मे रहकर कमाइत छी लेकिन अप्पन भाषा ठीक से नहि बोलता है। कहू हम अहा यदि नहि बजेगा त आन लोक सभ केना बुझहेगा। फेर अप्पन भाषा संस्कृति के बिकास केना होगा। देखिए त मराठी सभ ओ अपना भाषा पहिने बजता है तब दोसर ठाम के भाषा। ई सुनि डैनी बाजल भाई अहा ठीके कहता है आब त हमरो मन होता ह ैजे मैथिली सीखेगा आ अपना धिया पूता के सेहो कहेगा जे मैथिली सीखू। फेर ओ सीविल सेवा के तैयारी सेहो कर सकता है। सलीम बाजल त देरी किएक करता है भाइ चलू ने अभिए मैथिली वला मामू के ताकि लेता है। दुनू गोटे फटफटिया फटफटबैत बिदा भेल। सलीम फटफटीय चलबै मे मगन रहैए आ डैनी तकैए मे डैनी अचके खूम जोर स हसैए लागल ओ हो भाइ मैथिली वला मामू के त देख लिया। सलीम बाजल कतए कतए जल्दी देखाउ। डैनी फेर हॅसैत बाजल भाइ अहा के आखि चोनहरा गया है कि हइए अपने आखि से देखू ने मैथिली स्पोकन के बोर्ड। सलीम तुरंत फटफयिा बंद कए उतरल बोर्ड देखि के बाजल ठीके मे भाइ अई ठाम त मैथिली संगे अंग्रेजी सेहो फ्री है त चलिए ने मामू के खोज पूछारी करिए लेता है।
गजानन बाबू कतेक दिन स विद्यार्थी सबहक बाट देखि रहल छलाह बैसल बैसल आंेघहि स झुकि रहल छलाह कि तखने सलीम आ डैनी हरबराएल पहुचल। सलीम बाजल ओ मामू ओ मामू कि एतबाक मे गजानन अकचकाइत चहाक दिस उठलाह। सलीम बाजल हमरा मैथिली सीखने का मन है इ कहू मैथिली सीखाने वला मामू अहि है की। गजानन हरबड़ाइत बजलाह हम कोनो मामू वामू नहि छी हम त मैथिलीक मास्टर छी। डैनी बाजल अच्छा ठीक छै अहॉ कतेक पाई लेगा से कहू। गजानन बजलाह अहा दुनू गोटे पढ़नाइ शुरू करू तकरा बाद फीस अपना मन स दए देबै। इ सुनि सलीम बाजल भाई मामू त बड्ड नीक आदमी है जे बम्बई मे मैथिली सीखा पढ़ा देगा। अच्छा हम दुनू गोटे काल्हि स टीशन पढने आएगा। एतबाक मे गजानन बजलाह रूकू ने चाह पी लियअ त जाएब। डैनी बाजल नहि मामू हम सभ काल्हि स पढने आएगा त अहॉ के लिए चाह बिस्कुट सेहो नेने आएगा। बेस अखैन हम सभ चलता है प्रणाम।
ओ दुनू गोटे चलि गेल कि एतबाक मे कोइलख वाली काकी बजार स तीमन तरकारी किनने आपीस एलीह की गजानन चौअनिया मुसकान बजलाह आइ त कि कहू कमाल भए गेलैए। काकी बजलीह मारे मुह धके अईं यै कोन खजाना हाथ लागि गेल जे खुशि स एक्के टागे नाचि रहल छी। हे यै कि कहू आइ दू टा विद्यार्थी मैथिली पढ़बाक गप कए के गेल काल्हि स ओ सभ टीशन पढ़ै लेल आउत। काकी आश्चर्य स अकचकैत बजलीह गे माए गे अहॉक कोचिग मे विद्यार्थी कहिया स यै। इ सुनि गजानन गरजैत बजलाह विद्यार्थी हमरा कोचिंग मे नहि त की अहाक रसोइ मे चाह बनेबाक लेल औतैह। काकी बजलीह हे यै हमही बिचाार देलहू आ अहा हमरे पर खउंझा रहल छी। एतबाक मे गजनान खूम जोर स हा हा के हसैत बजलाह यै कोइलख वाली आब अहा देखैत जाउ मैथिली स्पोकन के कमाल आब कनि अहू टीशन पढ़ि लेब। काकी बजलीह ह यै किएक नहि हम त कहैत छी मैथिली पढ़ू लोके के सिखाउ आ अपनो मैथिली सीखू।
लेखक- किशन कारीगर
(©काॅपिराइट)

Language: Maithili
3 Likes · 2 Comments · 336 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan Karigar
View all
You may also like:
*टैगोर काव्य गोष्ठी/ संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ*
*टैगोर काव्य गोष्ठी/ संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ*
Ravi Prakash
"लोभ"
Dr. Kishan tandon kranti
मुस्कान
मुस्कान
Neeraj Agarwal
"डबल इंजन" ही क्यों?
*Author प्रणय प्रभात*
मुझे सहारा नहीं तुम्हारा साथी बनना है,
मुझे सहारा नहीं तुम्हारा साथी बनना है,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
शमशान घाट
शमशान घाट
Satish Srijan
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
तेरी आदत में
तेरी आदत में
Dr fauzia Naseem shad
यह 🤦😥😭दुःखी संसार🌐🌏🌎🗺️
यह 🤦😥😭दुःखी संसार🌐🌏🌎🗺️
डॉ० रोहित कौशिक
Jo mila  nahi  wo  bhi  theek  hai.., jo  hai  mil  gaya   w
Jo mila nahi wo bhi theek hai.., jo hai mil gaya w
Rekha Rajput
दिल ये तो जानता हैं गुनाहगार कौन हैं,
दिल ये तो जानता हैं गुनाहगार कौन हैं,
Vishal babu (vishu)
अनुभूति
अनुभूति
Punam Pande
सत्य क्या है?
सत्य क्या है?
Vandna thakur
*
*"देश की आत्मा है हिंदी"*
Shashi kala vyas
नजराना
नजराना
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
पेशवा बाजीराव बल्लाल भट्ट
पेशवा बाजीराव बल्लाल भट्ट
Ajay Shekhavat
फुदक फुदक कर ऐ गौरैया
फुदक फुदक कर ऐ गौरैया
Rita Singh
सरस्वती वंदना-1
सरस्वती वंदना-1
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
मेरी किस्मत
मेरी किस्मत
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
किधर चले हो यूं मोड़कर मुँह मुझे सनम तुम न अब सताओ
किधर चले हो यूं मोड़कर मुँह मुझे सनम तुम न अब सताओ
Dr Archana Gupta
I got forever addicted.
I got forever addicted.
Manisha Manjari
ज्ञान से शिक्षित, व्यवहार से अनपढ़
ज्ञान से शिक्षित, व्यवहार से अनपढ़
पूर्वार्थ
प्रिय
प्रिय
The_dk_poetry
हमने तुमको दिल दिया...
हमने तुमको दिल दिया...
डॉ.सीमा अग्रवाल
ग़ज़ल
ग़ज़ल
प्रीतम श्रावस्तवी
Active रहने के बावजूद यदि कोई पत्र का जवाब नहीं देता तो वह म
Active रहने के बावजूद यदि कोई पत्र का जवाब नहीं देता तो वह म
DrLakshman Jha Parimal
परिवर्तन जीवन का पर्याय है , उसे स्वीकारने में ही सुख है । प
परिवर्तन जीवन का पर्याय है , उसे स्वीकारने में ही सुख है । प
Leena Anand
आज पलटे जो ख़्बाब के पन्ने - संदीप ठाकुर
आज पलटे जो ख़्बाब के पन्ने - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
मनमीत मेरे तुम हो
मनमीत मेरे तुम हो
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
राम राम राम
राम राम राम
Satyaveer vaishnav
Loading...