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6 Oct 2021 · 3 min read

महामारी सन डेराउन भेल जा रहलै? मिथिला स पलायन (परदेश कमाएब)

महामारी सन डेराउन भेल जा रहलै? मिथिला स पलायन (परदेश कमाएब)

यथार्थ कहब देखाएब त भक्क दिस लागत किने आ कतेक मखान वला नेता, मिथिलाक बुद्धिजीवी समाज त कुतर्क कए बतकुट्टबैल पर उतारू भेल यथार्थ के नुकेबाक चलकपनी करै जाएब? तइयो मिथिला स पलायन के भयाऔन डेराउन इतिहास आ यथार्थ के मुँह झांपल नै हेतै?
मिथिला मे रोजगार लेल छैहे की? रौदी, दाही, बेसी बुझक्करी दाबी, टांगघिच्चा मनोवृति, बंद परल चिनी मिल, पाग मखानक पेटुोसुआ राजनीति आ परदेश कमेबाक बिमारी छोड़ि आरो किछो नै छै? मिथिला समाज कहियो अइ बातक चिंता नै केलक की ओकर धिया पूता सब केना रोजी रोटी कमेतै? आ परदेश कमेबाक बिमारी नव पीढी तक पसरैत गेल?
रोजगार नाम पर मिथिलाक लोक सरकारी योजना तंत्र, सरकारी सेवा, परदेश कमाएब (पलायन) भरोसे सब दिन बैसल रहल आ अपना भाग के दोख दैत हक्कन कनैत रहल. रोजगार के विकल्प सब कहियो ने सोचलक आ नै तकर बेगरता कहियो बुझलक?
मिथिला मे फैक्ट्री चैकरी, स्टार्ट अप, लघु उद्योग लगेबाक गप करब त अपना पैर पर कुरहैड़ मारब सन भऽ गेलै? केकरो लक इ गप बाजू त लोक हंसी उड़ाउत जे हे हिनका नै नोकरी चाकरी भेटलै तैं एना कहै छै त ई परदेश कमाई नै चाहै छै, परदेश कमाएल नै भेलै? एहने टोंटबाजी स लोक के मनोबल आरो तोइड़ दै छै? त एहेन टांगघिच्चा मनोवृति वला मिथिला समाज मे के उद्योग धंधा लगाउत?
पुरना लोक बुढ पुरान सबहक मुँहे सुनल गप जे पहिने मिथिला के बेसी भाग लोक परदेश कमाई लै नै जाइ? बड्ड गरीब लोके सब टा परदेश खटै. लेकिन 1934 के भूइकंप मिथिला के तहस नहस क देलकै. आ गरीबताइ बढ़ैत गेलै आ लोक सब देश परदेश कमाएब खटाएब शुरू केलकै. पहिने मिथिला मे चिनी मिल, खादी भंडार, लोहा कपसिया मे सूत कटैए, रांटी राजनगर सब मे लहाट बनै, बेगूसराय दड़भंगा, सहरसा पूर्णिया सब मे खाद, कागज, चूरा मिल, आरा मिल सब रहै, जइ मे कतेक लोक के रोजी रोटी भेटैत रहै?
आस्ते आस्ते मिथिला मे रोजगार के साधन सब बंद होइत गेल आ लोक सबहक परदेश कमेबाक बिमारी बढ़ैत गेल? एहेन भयाबह जे मिथिला लोक के परदेश कमेने बिना गुजर जाएब मोशकिल भऽ जाइत छै. अहाँ मजदूर छि की हाकिम वा बिजनेस मैन परदेशक मूँह देखै परत यौ बाबू?
दिल्ली, पंजाब, बंगाल, बंबई, साउथ इंडिया, नार्थ इस्ट, यूपी, गुजरात, सब ठाम मिथिला के मजदूर भेटबे टा करत? मिथिलाक इ मजदूर सब केहेन अभिशप्त जिनगी जिबै लेल मजबूर अछि आब इ डेराउन स्थिति स सब परिचित भेल जा रहलै? एहि मजदूर सबहक सुधि के लेतै? केकरा बेगरता छै?
महामारी सन डेराउन भयाबह भेल जा रहलै मिथिला स पलायन. एतुका नेता सब पाग मखान माला के राजनीति आ अपना फायदा दुआरे पटनिया नेता सबहक दलाली करै मे बेहाल टा रहैए? मिथिलाक चुटपुचिया, फोकटिया, मानल नेता सब केकरो बुते चिनी मिल शुरू कराउल नै भेलै आ नै मिथिला मे उद्योग धंधा लेल इ नेता सब कहियो सोचलक? मिथिला समाजक लोक सब सेहो मूइल अछि जे अनके आ सरकार भरोसे बैसल रहल?
मिथिला मे रोजगार के कोनो दुआरा नै छै आ अइ ठाम गामे गाम, मिथिला के घरे घरे पलायन (परदेश कमाएलब) महामारी सन डेराउन भयाबह भेल जा रहलै?

लेखक:- डॉ. किशन कारीगर
(©काॅपीराईट)

Language: Maithili
Tag: लेख
1 Like · 374 Views
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