Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Sep 2021 · 1 min read

भगवती गीत

भगवती गीत
°°°°°°°°°
अंबे माता हमर माँ भवानी,
किये हमरा सॅऽ दूरी बनेलौं,
खोजी अएलहुँ, पहाड़ पर्वत माँ,
एक निशानों कतौ हम न पयलौ।

हम नॅऽ जनलौं हे माँ, भेल गलती कोना,
हम तॅऽ जानी एते, जे अहीं सॅऽ जहां।
ई तन-मन अहीं कॅऽ, ई सब धन अहींक,
ई जिवन समर्पण अहीं कॅऽ, हे माँ।
अपन ममता कॅऽ आँचल ओढ़ाके,
दूर हमरा किये माता कयलौं।

अंबे माता हमर माँ भवानी…..

पाठ पूजा करब, ध्यान निशि दिन धरब,
माता चरणों में हर पल लिपटल रहब।
आब आबियो तॅऽ जाउ,माता आब नॅऽ सताउ।
नै तॅऽ द्वारि पर हे माता, हम बैसले रहब,
अपना चरणों कॅऽ दास बनाकऽ,
धन्य जिवन हमर माँ बनैतौ ।

अंबे माता हमर माँ भवानी…..

मौलिक एवं स्वरचित
सर्वाधिकार सुरक्षित।
© ® निरुपमा कर्ण
पटना (बिहार)
तिथि – १६/०९/२०२१
मोबाइल न. – 8271144282

Language: Maithili
6 Likes · 5 Comments · 742 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
प्रियवर
प्रियवर
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
अर्धांगिनी
अर्धांगिनी
VINOD CHAUHAN
अच्छे दामों बिक रहे,
अच्छे दामों बिक रहे,
sushil sarna
ऐ सावन अब आ जाना
ऐ सावन अब आ जाना
Saraswati Bajpai
कुछ किताबें और
कुछ किताबें और
Shweta Soni
*झाड़ू (बाल कविता)*
*झाड़ू (बाल कविता)*
Ravi Prakash
खुद से मुहब्बत
खुद से मुहब्बत
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
कई बात अभी बाकी है
कई बात अभी बाकी है
Aman Sinha
श्री कृष्णा
श्री कृष्णा
Surinder blackpen
नवसंवत्सर लेकर आया , नव उमंग उत्साह नव स्पंदन
नवसंवत्सर लेकर आया , नव उमंग उत्साह नव स्पंदन
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
काम-क्रोध-मद-मोह को, कब त्यागे इंसान
काम-क्रोध-मद-मोह को, कब त्यागे इंसान
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
बहुत खूबसूरत सुबह हो गई है।
बहुत खूबसूरत सुबह हो गई है।
surenderpal vaidya
दरमियाँ
दरमियाँ
Dr. Rajeev Jain
वजीर
वजीर
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
तुम
तुम
Punam Pande
डॉ. नामवर सिंह की दृष्टि में कौन-सी कविताएँ गम्भीर और ओजस हैं??
डॉ. नामवर सिंह की दृष्टि में कौन-सी कविताएँ गम्भीर और ओजस हैं??
कवि रमेशराज
किसी वजह से जब तुम दोस्ती निभा न पाओ
किसी वजह से जब तुम दोस्ती निभा न पाओ
ruby kumari
चिंतन
चिंतन
ओंकार मिश्र
शिक्षा बिना जीवन है अधूरा
शिक्षा बिना जीवन है अधूरा
gurudeenverma198
अंबेडकर की रक्तहीन क्रांति
अंबेडकर की रक्तहीन क्रांति
Shekhar Chandra Mitra
"हालात"
Dr. Kishan tandon kranti
जुबाँ चुप हो
जुबाँ चुप हो
Satish Srijan
चांद सितारे चाहत हैं तुम्हारी......
चांद सितारे चाहत हैं तुम्हारी......
Neeraj Agarwal
वतन
वतन
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
"चार पैरों वाला मेरा यार"
Lohit Tamta
■ संवेदनशील मन अतीत को कभी विस्मृत नहीं करता। उसमें और व्याव
■ संवेदनशील मन अतीत को कभी विस्मृत नहीं करता। उसमें और व्याव
*Author प्रणय प्रभात*
*
*"गौतम बुद्ध"*
Shashi kala vyas
महज़ एक गुफ़्तगू से.,
महज़ एक गुफ़्तगू से.,
Shubham Pandey (S P)
जिधर भी देखो , हर तरफ़ झमेले ही झमेले है,
जिधर भी देखो , हर तरफ़ झमेले ही झमेले है,
_सुलेखा.
मेला लगता तो है, मेल बढ़ाने के लिए,
मेला लगता तो है, मेल बढ़ाने के लिए,
Buddha Prakash
Loading...