Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Sep 2021 · 2 min read

” पितामह भेलाह बेल्लला “

डॉ लक्ष्मण झा ” परिमल ”
==================
जहिना -जहिना उम्र बढैत छैक अनुभव क पिटारा भरल जाइत छैक ! ओरिया कें रखने रहित छी ! यदा -कदा प्रयोजन क अनुसारें बाहरि निकलि छिडिया दैत छी .जे लोकताह से लोकथ अन्यथा प्रदर्शन उपरांत पुनः नेपथ्य मे विलीन भऽ जायत !

समय बदलि गेल ! आब हमरालोकनि कें लोक सामाजिक ” भीष्म पितामह ” बुझैत छथि !
” हम जे करब ..जे पहिरब ..जेना रहब सेएह हिनका मानय पडतनि ..आब त हिनका ” धृतराष्ट्रक ” भूमिका में रहबाक चाही ! ” हो बाबू हमरा -“स्वीकार अछि ..स्वीकार अछि ! ”

पुत्र लोकनि विभिन्य प्रान्त मे रहित छथि ! आइ हुनकर जन्म दिन ..काल्हि कनिया लोकनिक ..फेर सगाई क सालगिरह ..बच्चा कें जन्म दिन ..इत्यादि इत्यादि सम्पूर्ण साल धरि लागल रहित अछि ! भीष्म पितामह जे भेलहुँ सबकें जन्मदिन आ सालगिरह याद रखबाक अछि ! फोन करू ..विडियो कॉल करू …जन्मदिनक आ सालगिरह क शुभकामना दिय !–
” इ हमर वर्षगांठ अछि ..हमरा आहांलोकनि आशीर्वाद आ शुभकामना दिय ! ”

अखनो धरि हमरा अख्यास अछि ! अप्पन जन्म दिन ,विवाहक सालगिरह आ कोनो शुभ अवसर पर घरक पैघ लोकनि कें सुति उठि कें हमरालोकनि प्रणाम करैत छेलियनि आ हुनका लोकनिक आशीष प्राप्त होइत छल ! आब हमरालोकनि ” भीष्म पितामह” त बनि गेलहुं मुदा कनि हिनका पुछि लिय —

” आहां क़ अप्पन धृतराष्ट्र आ गांधारी व पितामह क जन्म दिन याद अछि ?..हुनकर विवाहक दिन याद अछि ?..वो कहिया ज्वाइन केलनि अप्पन नौकरी मे ?…कहिया सेवानिवृत भेलाह ?..

संभवतः एहन लोक कें अप्पन आंगुर मे गिनि सकैत छी ! ” ..हमरालोकनि भीष्म पितामह आ धृष्टराष्ट्र कें “बेल्लला “बनौने छी ! इ छोट -छोट गप्प नहि थिक अपितु हमरा आभास होइत अछि जे भावी पीढ़ी कतो आहुंकें ” बेल्लला” नहि बना दिये !!

===========================
डॉ लक्ष्मण झा ” परिमल ”
साउंड हेल्थ क्लिनिक
डॉक्टर’स लेन
दुमका
झारखंड
भारत

Language: Maithili
205 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अगर कोई आपको मोहरा बना कर,अपना उल्लू सीधा कर रहा है तो समझ ल
अगर कोई आपको मोहरा बना कर,अपना उल्लू सीधा कर रहा है तो समझ ल
विमला महरिया मौज
बरगद का दरख़्त है तू
बरगद का दरख़्त है तू
Satish Srijan
दर्द ने हम पर
दर्द ने हम पर
Dr fauzia Naseem shad
"सृष्टि निहित माँ शब्द में,
*Author प्रणय प्रभात*
मेरे राम
मेरे राम
Prakash Chandra
कब मिलोगी मां.....
कब मिलोगी मां.....
Madhavi Srivastava
फितरत
फितरत
Srishty Bansal
मातु शारदे वंदना
मातु शारदे वंदना
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
सुबह की चाय है इश्क,
सुबह की चाय है इश्क,
Aniruddh Pandey
सुबह की एक कप चाय,
सुबह की एक कप चाय,
Neerja Sharma
2559.पूर्णिका
2559.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
छोड़ऽ बिहार में शिक्षक बने के सपना।
छोड़ऽ बिहार में शिक्षक बने के सपना।
जय लगन कुमार हैप्पी
प्रीति के दोहे, भाग-3
प्रीति के दोहे, भाग-3
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
जिन्दगी की शाम
जिन्दगी की शाम
Bodhisatva kastooriya
*काल क्रिया*
*काल क्रिया*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
खुद को संवार लूँ.... के खुद को अच्छा लगूँ
खुद को संवार लूँ.... के खुद को अच्छा लगूँ
सिद्धार्थ गोरखपुरी
ये चिल्ले जाड़े के दिन / MUSAFIR BAITHA
ये चिल्ले जाड़े के दिन / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
عيشُ عشرت کے مکاں
عيشُ عشرت کے مکاں
अरशद रसूल बदायूंनी
हवस
हवस
Dr. Pradeep Kumar Sharma
-- कटते पेड़ --
-- कटते पेड़ --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
ऐसे हैं हम तो, और सच भी यही है
ऐसे हैं हम तो, और सच भी यही है
gurudeenverma198
अगर आप सही हैं तो खुद को साबित करने के लिए ताकत क्यों लगानी
अगर आप सही हैं तो खुद को साबित करने के लिए ताकत क्यों लगानी
Seema Verma
अहं का अंकुर न फूटे,बनो चित् मय प्राण धन
अहं का अंकुर न फूटे,बनो चित् मय प्राण धन
Pt. Brajesh Kumar Nayak
सन् २०२३ में,जो घटनाएं पहली बार हुईं
सन् २०२३ में,जो घटनाएं पहली बार हुईं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
कैसे भूल जाएं...
कैसे भूल जाएं...
Er. Sanjay Shrivastava
Mystical Love
Mystical Love
Sidhartha Mishra
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
कुछ लोग
कुछ लोग
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
मेरे जिंदगी के मालिक
मेरे जिंदगी के मालिक
Basant Bhagawan Roy
Loading...