Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Oct 2021 · 1 min read

नोर झहरि रहल छल

बहिन उठि नैहर सँ सासुर बिदा भेलीह
बपहारि काटि कानि रहल छलीह
हमहू बाप बाप कानि रहल छलहुँ
आखि सँ टप टप नोर झहरि रहल छल।

माए गे माए भैया औ भैया
एसगर हम आब जा रहल छी
भरदुतिया मे आएब अहाँ
एतबाक आस लगेने हम जा रहल छी।

छूटल नैहर केर सखी बहिनपा
आब मोन पड़त सब साँझ भिंसरबा
छूटल बाबू केर दुअरिया
डोली उठा ल चल हो कहरबा।

जाउ जाउ बहिन जाउ अहाँ अपना गाम
भरदुतिया मे आएब हम अहाँक गाम
माए हमर पुरी पका कए देतीह
हम नेने आएब चिनीया बदाम ।

जुनि कानू बहिन पोछू आखिक नोर
आब सासुर भेल अहाँक अप्पन गाम
सास ससुर केर सेबा करब
व्यर्थ समय गमा नहि करब अराम।

जेहने अप्पन माए बाप
तेहने सास ससुर
नहि करब कहियो झग्गर दन
लोक लाज केर राखब धियान।

भैया यौ भैया अहाँ ठीके कहैत छी
नहि करब हम केकरो स झगरदन
सभ सँ मिली जुलि के हम रहब
गृहलक्ष्मीक दायित्व केर करब निरवहन।

मुदा कोना क कहू औ भैया
छूटल नैहर बिदा भेल छी सासुर
माए कनैत अछि बाबू के लगलैन बुकोर
टप टप झहरि रहल अछि आखि सँ नोर।

धैरज राखू बहिन जाउ एखन अपना गाम
राखि मे चलि आएब नैहर बाबू केर गाम
हसी खुशी सँ गीत गाएब
सभ सखी मिली समा चकेबा खेलाएब।

सभ के प्रणाम क बहिन बिदा भेलीह
मुदा स्नेह स कानि रहल छलीह
दुनू भाए बहिन कानि रहल छलहु
आखि सँ टप टप नोर झहरि रहल छल।

कवि:- किशन कारीगर
(©काॅपीराईट)

Language: Maithili
1 Like · 350 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan Karigar
View all
You may also like:
" लहर लहर लहराई तिरंगा "
Chunnu Lal Gupta
इतनी नाराज़ हूं तुमसे मैं अब
इतनी नाराज़ हूं तुमसे मैं अब
Dheerja Sharma
DR अरूण कुमार शास्त्री
DR अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
अपनी गजब कहानी....
अपनी गजब कहानी....
डॉ.सीमा अग्रवाल
बचपन का प्रेम
बचपन का प्रेम
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
Peace peace
Peace peace
Poonam Sharma
दोहा -
दोहा -
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
खुदा किसी को किसी पर फ़िदा ना करें
खुदा किसी को किसी पर फ़िदा ना करें
$úDhÁ MãÚ₹Yá
पल भर फासला है
पल भर फासला है
Ansh
स्त्री एक कविता है
स्त्री एक कविता है
SATPAL CHAUHAN
कलम लिख दे।
कलम लिख दे।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
The Huge Mountain!
The Huge Mountain!
Buddha Prakash
2794. *पूर्णिका*
2794. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
■ आज का विचार
■ आज का विचार
*Author प्रणय प्रभात*
उसकी बाहो में ये हसीन रात आखिरी होगी
उसकी बाहो में ये हसीन रात आखिरी होगी
Ravi singh bharati
अंबेडकर और भगतसिंह
अंबेडकर और भगतसिंह
Shekhar Chandra Mitra
श्री राम
श्री राम
Kavita Chouhan
खुद को मसखरा बनाया जिसने,
खुद को मसखरा बनाया जिसने,
Satish Srijan
ममता
ममता
Dr. Pradeep Kumar Sharma
"ख़ूबसूरत आँखे"
Ekta chitrangini
नींद ( 4 of 25)
नींद ( 4 of 25)
Kshma Urmila
रास नहीं आती ये सर्द हवाएं
रास नहीं आती ये सर्द हवाएं
कवि दीपक बवेजा
अगर बात तू मान लेगा हमारी।
अगर बात तू मान लेगा हमारी।
सत्य कुमार प्रेमी
*रेवड़ी आराम से, अपनों को बाँटी जा रही (मुक्तक)*
*रेवड़ी आराम से, अपनों को बाँटी जा रही (मुक्तक)*
Ravi Prakash
🌺प्रेम कौतुक-191🌺
🌺प्रेम कौतुक-191🌺
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
आज हम जा रहे थे, और वह आ रही थी।
आज हम जा रहे थे, और वह आ रही थी।
SPK Sachin Lodhi
"निर्णय आपका"
Dr. Kishan tandon kranti
क्रोध
क्रोध
ओंकार मिश्र
ज़िंदगी एक पहेली...
ज़िंदगी एक पहेली...
Srishty Bansal
नव वर्ष हमारे आए हैं
नव वर्ष हमारे आए हैं
Er.Navaneet R Shandily
Loading...