” ढारस “”
डॉ लक्ष्मण झा,”परिमल
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किंचित नहि
मलिन होऊ
हम आहांक
मान राखब !
अन्हरियो राति
मे सदिखन हम
आहांक पथक
प्रकाश बनब !!
धडफड़ाऊ
जुनि यौ संगी
धैर्यआहांक
करुआरि बनल !
बिहारि बसातक
चिंता छोडू
संग जखन
हमर ढाल बनल !!
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डॉ लक्ष्मण झा,”परिमल