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13 Nov 2021 · 2 min read

“ आब नहि खाँसय क काज अछि ”

डॉ लक्ष्मण झा ” परिमल ”
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सामाजिक प्रतिबंधक डोर कनि उत्तर भारत आ किछू पूर्वोतर भारतक राज्य मे सशक्त छल तें मिथिला सदेव एहि प्रतिबंधक अनुनायी रहल ! श्रेष्ठ लोकनि सदेव सम्मानित होइत छलाह ! गृहस्थ आश्रम चलबैत छलाह ! पूजा -पाठ ,अध्ययन , अध्यापन ,कीर्तन ,सभा -गोष्ठी आ समाजक उन्नति क लेल सजग रहैत छलाह ! घरक आगू “दलान“ मे हुनका लोकनिक डेरा होइत छलनि ! किछू आवश्यक कार्य वा भोजनक काल अँगना जाइत छलाह ! अँगना प्रवेश करबा सं पूर्व कम सं कम तीन बेर “ खाँसय “ पड़ैत छलनि ! परिणाम स्वरूप समस्त नव कनियाँ ,पोतोहू आ भाभों सब सतर्क भ जेतिह आ सब घोघ खसा कें अपन मुँह झाँपि लेतीह ! कनियाँ अपन पति देवक नाम नहि कहतीह ! लोक गायन मे कदाचित “” राम “” क नाम अछि आ ओ नाम यदि ससुर ,भेसुर वा पति क हेत त तकर उच्चारण अपराध बुझल जाइत छल ! तें राम क स्थान पर वो महिला लोकनि “” श्याम “” उच्चारण करि अपना कें कृतार्थ करैत छलीह ! महान शिष्ठता क इतिहास रचल जा रहल छल !
मुदा समय क परिवर्तन भेल ! शिक्षा क दशा आ दिशा बदलल ! जीवकोपार्यन हेतु मैथिल देश -विदेश भ्रमण करैत रहलाह ! नवीन यंत्रक सृजन भेल ! सबकें हाथ मे मोबाइल आबि गेल ! गाम क दलान पर जे बाबा बैसल छथि हुनका आब “ खाँसय “ नहि पड़ैत छनि ! “ खाँइस “ – “ खाँइस “ कें सम्पूर्ण भोकल कॉर्ड भोमा शंख बनि गेल छलनि ! आब नव कनियाँ ,पोतोहू ,भाभों ,भगिन पोतोहू आ धाख करय बाली कनियाँ सब सं फरिकत भेलहूँ ! बड़ ओकासी करैत रहलहूँ ! आब कोनो चिंता नहि ! सब फेसबुक मित्र जे बनि गेल छथि ! फेसबुक माध्यमे गप्प होइत अछि ! हम प्रशंसा केलहूँ ,वो प्रशंसा केलीह ! विचारक आदान -प्रदान भेल ! विडियो कॉलिंग ,व्हात्सप्प चटिंग आ कॉल क युग मे प्रवेश क लेलहूँ ! स्वतन्त्रता आ अधिकारक ज्ञान शिक्षा सं पल्व्वित आ पुष्पित होइत अछि !
हमरा लोकनि पुरनका परिवेश के करेज मे सटेने छलहूँ आ नवका परिवर्तन कें सेहो हृदय सं स्वागत केलहूँ मुदा एहि चमक -धमक परिवेश मे हम कतो न कतो दृग्भ्रमित भेल जा रहल छी ! शिष्टाचार क मंत्र बिसरि रहल छी ! श्रेष्ठ ,समतुल्य आ कनिष्ठ कें यथोचित सम्मान देबा मे सक्षमता नहि देखबे छी ! हमरा जखन श्रेष्ठ लोकनि क समालोचना ,टीका -टिप्पणी ,शुभकामना ,बधाई आ कोनो संदेश अबैत अछि त निःसंकोच आभार ,अभिनंदन आ प्रणाम शब्द कें लिखी अग्रसारित करि ! मात्र THANK YOU आ प्रणाम क फोटो प्रभावहीन मानल जाइत अछि ! समतुल्य कें आभार आ स्नेह सं सिक्त करक चाहि ! कनिष्ठ हमर प्रेमक आकांक्षी सदेव बनल रहैत छथि ! शिष्टाचार पहिने प्रयोगिक सिखाओल जाइत छल आब नव युग मे शिष्टाचार स्वयं सीख पड़त !
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डॉ लक्ष्मण झा ” परिमल ”
साउंड हेल्थ क्लिनिक
डॉक्टर’स लेन
दुमका
झारखण्ड
भारत
12 11 2021

Language: Maithili
Tag: लेख
133 Views
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