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19 May 2016 · 1 min read

अन्य

एक त्वरित प्रयास-

कविता का यही प्यार,सृजन का है खुमार,
मंच ये अनूठा मीत, हिय में बसे है।
ज्ञान का करे उजास, नवांकुर की है आस,
अनगढ़ काव्य को ये, शिल्प में कसे है।
शारदे मैया का दान, कवियों की पहचान,
शिक्षण के दीप नव, दीप से लसे है।
कलम को देता धार, बन जाती हथियार,
फैली विसंगतियों को, नाग सा डसे है।

दीपशिखा-

Language: Hindi
614 Views
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