Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Nov 2021 · 1 min read

सच्चा सुख

जीवन का सच्चा सुख
स्वस्थ शरीर निरोगी काया
चहल-पहल बच्चों की घर मे
मात-पिता का सदा रहे साया।

नित्य काम मिले हाथ को
थकान का हल्का अनुभव हो
परिश्रम के सुखद बूँद का
तन में थोड़ा संचय हो।

मेहनत की रोटी से हरदम
नित्य नसों में शक्ति हो
थकान की मंद तकिया से
नींद का मधुर परचम हो।

ईमानदारी और वफ़ादारी
जीवन के दो पग हो
कर्ज न रहे ढेलाभर का
मन में चिंता न भारी हो।

ज्ञान का चित में बासा
धन-दौलत सब कर के मैल
जरूरत से ज्यादा न संचय
ये सब माया-मोह का खेल।

छोटा सा घर हो अपना
स्वच्छ आँगन की मुस्कान
स्वस्नेही के पद पड़े दर
साधु के लिए मन मे स्थान।

परहित कर खुले रहे
न किसी से कोई बैर
सच्चा सुख गर पाना है तो
नित्य सवेरे की कुछ सैर।

मान अपना हो बीता भर भी
काम के काजे हो पहचान
हर दिल मे राज करें
अपना भी हो ऊँचा नाम।

सच्चा सुख मिले ‘श्याम’ सब
मिलजुल रहे कुटुम्ब परिवार
सुख-दुख में बराबर के साथी
आशीर्वाद हो सब पर करतार।

लेखक/ कवि
श्याम कुमार कोलारे
सामाजिक कार्यकर्ता, छिन्दवाड़ा (म.प्र.)
मोबाइल 9893573770

365 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"यादें अलवर की"
Dr Meenu Poonia
*अदृश्य पंख बादल के* (10 of 25 )
*अदृश्य पंख बादल के* (10 of 25 )
Kshma Urmila
पिता
पिता
Manu Vashistha
सदा ज्ञान जल तैर रूप माया का जाया
सदा ज्ञान जल तैर रूप माया का जाया
Pt. Brajesh Kumar Nayak
तेरी मुहब्बत से, अपना अन्तर्मन रच दूं।
तेरी मुहब्बत से, अपना अन्तर्मन रच दूं।
Anand Kumar
प्रेम की बात जमाने से निराली देखी
प्रेम की बात जमाने से निराली देखी
Vishal babu (vishu)
23/204. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/204. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
निर्मम क्यों ऐसे ठुकराया....
निर्मम क्यों ऐसे ठुकराया....
डॉ.सीमा अग्रवाल
मै भटकता ही रहा दश्त ए शनासाई में
मै भटकता ही रहा दश्त ए शनासाई में
Anis Shah
किसी औरत से
किसी औरत से
Shekhar Chandra Mitra
मेरा महबूब आ रहा है
मेरा महबूब आ रहा है
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
यथार्थ से दूर
यथार्थ से दूर "सेवटा की गाथा" आदर्श स्तम्भ
Er.Navaneet R Shandily
बचपन याद किसे ना आती ?
बचपन याद किसे ना आती ?
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
ए रब मेरे मरने की खबर उस तक पहुंचा देना
ए रब मेरे मरने की खबर उस तक पहुंचा देना
श्याम सिंह बिष्ट
प्रथम मिलन
प्रथम मिलन
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
तुम घर से मत निकलना - दीपक नीलपदम्
तुम घर से मत निकलना - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
* जिन्दगी की राह *
* जिन्दगी की राह *
surenderpal vaidya
1
1
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
समंदर चाहते है किनारा कौन बनता है,
समंदर चाहते है किनारा कौन बनता है,
Vindhya Prakash Mishra
कन्या पूजन
कन्या पूजन
Dr. Pradeep Kumar Sharma
हक़ीक़त सभी ख़्वाब
हक़ीक़त सभी ख़्वाब
Dr fauzia Naseem shad
.*यादों के पन्ने.......
.*यादों के पन्ने.......
Naushaba Suriya
'वर्दी की साख'
'वर्दी की साख'
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
समय के साथ ही हम है
समय के साथ ही हम है
Neeraj Agarwal
हिम्मत कभी न हारिए
हिम्मत कभी न हारिए
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
"मैं अपनी धुन में चला
*Author प्रणय प्रभात*
अभी तक न विफलता है ,अभी तक न सफलता है (मुक्तक)
अभी तक न विफलता है ,अभी तक न सफलता है (मुक्तक)
Ravi Prakash
कोई शिकवा है हमसे
कोई शिकवा है हमसे
कवि दीपक बवेजा
जिंदगी का सबूत
जिंदगी का सबूत
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
बोल हिन्दी बोल, हिन्दी बोल इण्डिया
बोल हिन्दी बोल, हिन्दी बोल इण्डिया
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
Loading...