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24 Jul 2020 · 1 min read

संघर्ष

बिक चुका है मेरे आशियाने का सामान //
परन्तु बिकाऊ मेरा सम्मान नहीं //

बिक चुके है मेरे घर के गहने //
परन्तु बिकाऊ मेरा मन नहीं //

बिक चुके है मेरी असफलता के किस्से //
परन्तु बिकाऊ मेरा संघर्ष नहीं //

भले ही बिक चुकी है, मेरी मुस्कुराहट की हर एक वजह //
किन्तु बिकाऊ मेरा हौसला नहीं //

:~ कविराज श्रेयस सारीवान

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 227 Views
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