Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Jan 2022 · 1 min read

शहीद वीर

काॅप उठा अम्बर भी देखो धरती अश्क वहा उठी कैसी ये मुश्किल आई चारो और पुकार पडी।। दहल गये हदय होगे। प्रकृति भी मुह मोड खडी। । सन सन करती पवनो में। । अवलाओ की चीख भरी। ।। नीर उछलता लहरे भी कुछ कहती हे।। धरा हदय भी विहवल है। खग गुजन में एक शोर भरा। । पर्वत शिला कुछ कहती हे। । जो वीर भये वो स्वर्ग गये।। गूज भरी अवलाओ की।।। शिथिल हुये माॅ के सीने। । बेटो के बलिदानो पर। ।।

Language: Hindi
253 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
2407.पूर्णिका
2407.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
निर्मोही हो तुम
निर्मोही हो तुम
A🇨🇭maanush
#संस्मरण
#संस्मरण
*Author प्रणय प्रभात*
रिशते ना खास होते हैं
रिशते ना खास होते हैं
Dhriti Mishra
जो संतुष्टि का दास बना, जीवन की संपूर्णता को पायेगा।
जो संतुष्टि का दास बना, जीवन की संपूर्णता को पायेगा।
Manisha Manjari
अच्छा ही हुआ कि तुमने धोखा दे  दिया......
अच्छा ही हुआ कि तुमने धोखा दे दिया......
Rakesh Singh
जय भोलेनाथ ।
जय भोलेनाथ ।
Anil Mishra Prahari
बेशर्मी
बेशर्मी
Sanjay ' शून्य'
कैसी लगी है होड़
कैसी लगी है होड़
Sûrëkhâ Rãthí
Hum to har chuke hai tumko
Hum to har chuke hai tumko
Sakshi Tripathi
सफलता
सफलता
Dr. Pradeep Kumar Sharma
तेरी हर अदा निराली है
तेरी हर अदा निराली है
नूरफातिमा खातून नूरी
ऐतबार कर बैठा
ऐतबार कर बैठा
Naseeb Jinagal Koslia नसीब जीनागल कोसलिया
बद मिजाज और बद दिमाग इंसान
बद मिजाज और बद दिमाग इंसान
shabina. Naaz
बदलते दौर में......
बदलते दौर में......
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
तोड़ न कोई राम का, निर्विकल्प हैं राम।
तोड़ न कोई राम का, निर्विकल्प हैं राम।
डॉ.सीमा अग्रवाल
ईश्वर
ईश्वर
Shyam Sundar Subramanian
हम सब में एक बात है
हम सब में एक बात है
Yash mehra
कभी-कभी वक़्त की करवट आपको अचंभित कर जाती है.......चाहे उस क
कभी-कभी वक़्त की करवट आपको अचंभित कर जाती है.......चाहे उस क
Seema Verma
प्रभु नृसिंह जी
प्रभु नृसिंह जी
Anil chobisa
जल खारा सागर का
जल खारा सागर का
Dr Nisha nandini Bhartiya
सत्य
सत्य
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
"उपबन्ध"
Dr. Kishan tandon kranti
*चेतना-परक कुछ दोहे*
*चेतना-परक कुछ दोहे*
Ravi Prakash
ये संगम दिलों का इबादत हो जैसे
ये संगम दिलों का इबादत हो जैसे
VINOD CHAUHAN
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
जानो आयी है होली
जानो आयी है होली
Satish Srijan
भारत के लाल को भारत रत्न
भारत के लाल को भारत रत्न
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
सबसे बड़ा गम है गरीब का
सबसे बड़ा गम है गरीब का
Dr fauzia Naseem shad
I have recognized myself by understanding the values of the constitution. – Desert Fellow Rakesh Yadav
I have recognized myself by understanding the values of the constitution. – Desert Fellow Rakesh Yadav
Desert fellow Rakesh
Loading...