Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Jun 2021 · 1 min read

बरसात की वो मनहूस रात ( अमर गायक स्व मोहम्मद रफी साहब की की याद में)

कैसे भूल जाएं बरसात की वो रात ,
हमने नहीं देखी थी कयामत की रात ।

कोई शख्स मौत से जंग हार रहा था ,
उसकी जिंदगी की थी ये आखिरी रात ।

निगल गई उसका चांदनी सा जीवन,
कैसी थी वो हाय !अमावस की रात ।

कुदरत को तो एहसास हो चुका था ,
क्या कहर बरपा चुकी है उसकी रात ।

कुदरत रो पड़ी इस गम में जार जार,
उसके कीमती फूल छीन ले गई रात ।

जो उसके गुलशन की आन बान था,
उसकी उसी शान खा गई काली रात ।

खुदा के खजाने का अनमोल हीरा था,
कोहिनूर था वो सबसे उम्दा जवाहरात।

जाने किस लोक से आया था मुसाफिर ,
धरती पर गुजारने आया था कुछ लम्हात ।

इंसान के वेश में देवता सा दिखता था ,
हर इंसा के लिए थी दिल में मुहोबत।

इस धरती के टूट हुए,गमजदा लोगो को ,
संगीत के मय से पिलाने आया था अमृत ।

मुख पर सद्गुणों की चमक झलकती थी।
लबों पर मधुर मुस्कान,आंखों में शराफत ।

खुदा का बंदा था उस पर रखता था ईमान ,
हर सांस में,हर पल करता था उसकी इबादत ।

मजहब और जाति की दीवारों को लांघकर,
उसने अपनाया सदा मजहब ए इंसानियत ।

ऐसे फरिश्ते को जिसे कहते है स्वर सम्राट,
बेदर्दी से छीन ले गई बरसात की काली रात ।

मगर यह सच है जब तक रहेगी यह कायनात,
जहां में रोशन रहेगा उसका नाम ता कयामत ।

5 Likes · 14 Comments · 575 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from ओनिका सेतिया 'अनु '
View all
You may also like:
पुस्तक
पुस्तक
Sangeeta Beniwal
विडम्बना और समझना
विडम्बना और समझना
Seema gupta,Alwar
वो नन्दलाल का कन्हैया वृषभानु की किशोरी
वो नन्दलाल का कन्हैया वृषभानु की किशोरी
Mahesh Tiwari 'Ayan'
अर्जुन धुरंधर न सही ...एकलव्य तो बनना सीख लें ..मौन आखिर कब
अर्जुन धुरंधर न सही ...एकलव्य तो बनना सीख लें ..मौन आखिर कब
DrLakshman Jha Parimal
मैं तो महज एक नाम हूँ
मैं तो महज एक नाम हूँ
VINOD CHAUHAN
2908.*पूर्णिका*
2908.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
भारी संकट नीर का, जग में दिखता आज ।
भारी संकट नीर का, जग में दिखता आज ।
Mahendra Narayan
सजल...छंद शैलजा
सजल...छंद शैलजा
डॉ.सीमा अग्रवाल
"Sometimes happiness and peace come when you lose something.
पूर्वार्थ
আজ চারপাশ টা কেমন নিরব হয়ে আছে
আজ চারপাশ টা কেমন নিরব হয়ে আছে
Sukoon
मेरे दिल की हर इक वो खुशी बन गई
मेरे दिल की हर इक वो खुशी बन गई
कृष्णकांत गुर्जर
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
संघर्ष जीवन हैं जवानी, मेहनत करके पाऊं l
संघर्ष जीवन हैं जवानी, मेहनत करके पाऊं l
Shyamsingh Lodhi (Tejpuriya)
दर्स ए वफ़ा आपसे निभाते चले गए,
दर्स ए वफ़ा आपसे निभाते चले गए,
ज़ैद बलियावी
■ आज का मुक्तक
■ आज का मुक्तक
*Author प्रणय प्रभात*
दुआ सलाम
दुआ सलाम
Dr. Pradeep Kumar Sharma
लोककवि रामचरन गुप्त के रसिया और भजन
लोककवि रामचरन गुप्त के रसिया और भजन
कवि रमेशराज
प्यार की लौ
प्यार की लौ
Surinder blackpen
आसमान को उड़ने चले,
आसमान को उड़ने चले,
Buddha Prakash
माफ करना मैडम हमें,
माफ करना मैडम हमें,
Dr. Man Mohan Krishna
खुदकुशी नाहीं, इंकलाब करअ
खुदकुशी नाहीं, इंकलाब करअ
Shekhar Chandra Mitra
आसमाँ  इतना भी दूर नहीं -
आसमाँ इतना भी दूर नहीं -
Atul "Krishn"
उसे मलाल न हो
उसे मलाल न हो
Dr fauzia Naseem shad
सोच
सोच
Dinesh Kumar Gangwar
"हमारे दर्द का मरहम अगर बनकर खड़ा होगा
आर.एस. 'प्रीतम'
अकेलापन
अकेलापन
Neeraj Agarwal
हो मापनी, मफ़्हूम, रब्त तब कहो ग़ज़ल।
हो मापनी, मफ़्हूम, रब्त तब कहो ग़ज़ल।
सत्य कुमार प्रेमी
माँ
माँ
shambhavi Mishra
ग़ज़ल/नज़्म - प्यार के ख्वाबों को दिल में सजा लूँ तो क्या हो
ग़ज़ल/नज़्म - प्यार के ख्वाबों को दिल में सजा लूँ तो क्या हो
अनिल कुमार
*लगे जो प्रश्न सच, उस प्रश्न को उत्तर से हल देना 【मुक्तक】*
*लगे जो प्रश्न सच, उस प्रश्न को उत्तर से हल देना 【मुक्तक】*
Ravi Prakash
Loading...