विषय:अभिमान
विषय:अभिमान
मैं करती सदा ही,अपनी भाषा का मैं तो सम्मान
अपभ्रंश से निकली हुई मेरी हिन्दी भाषा महान,
मन की बाते करनी हो तो अपनी भाषा आती काम
इसी में ही छिपा है सर्वशक्ति का ज्ञान
घर घर बोली जाती हैं मेरी भाषा महान
अब हमको करना होगा अपनी भाषा पर काम
आत्मिक शांति मिलती सदा पढ़ अपनी भाषा
सहजता,विशालता लिए अपने मे देखो मेरी भाषा
अपनी भाषा मे हो पाता है सदा अपने देश का गुणगान
तभी तो कहती है “मंजु”सदा मेरा देश महान
मुझको अपनी भाषा व देश पर हैं बड़ा अभिमान
तभी गो मेरे देश मे होता जय जवान जय किसान
देश मेरा है मेरा गौरव उस पर जान क़ुर्बान
मेरा देश बस मेरा अभिमान,मेरा देश महान
डॉ मंजु सैनी
गाजियाबाद