वक्त से गुजारिश
मेरे दुःख को तू क्या जाने ऐ वक्त ।
तू तो वे वक्त भी चलता रहता है ।।
खुदा क़सम, मिले तो तेरा गला मरोड़ दूँ।
पर तू तो हर दम मेरे साथ ही बना रहता है ।।
तेरा लौटने में क्या जाता है, में गलतियां सुधार लूंगा।
नमकहराम तेरी जिद से, मेरी जिंदगी मातम बना रहता है ।।
तू क्यो नही समझता, तेरे वजूद को जरूरत है मेरी..
मैं नही हूँगा तो, शून्य में तू वेबजह पड़ा रहता है।।
कभी पहिए को पीछे तो घुमा, कभी नजरों को पीछे तो घुमा ।
देख कितने तबाह बैठे हैं, एक और मौका देने में तेरा क्या जाता है ।।