Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Jan 2022 · 1 min read

वंचित

तेरी बगिया के
एक पेड़ की डाली पर
एक फूल महका
वह बगिया तेरी थी
पेड़ भी तेरा
उसकी डाल भी तेरी
फूल भी तेरा
उसकी महक भी तेरी
मेरा तो कुछ भी नहीं
इस फूल की महक भी नहीं
हवाओं ने भी तो आजकल
अपना मुंह फेर लिया है
मुझसे
वह भी तो बह रही है
उल्टी दिशाओं में
उन्होंने अपना रूख
लगता है
हमेशा के लिए पलट लिया है
बहकर नहीं आ रही मेरे घर के दरवाजे तक
ताकि मैं फूल की खुशबू से
वंचित रह जाऊं।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
218 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Minal Aggarwal
View all
You may also like:
गीत लिखूं...संगीत लिखूँ।
गीत लिखूं...संगीत लिखूँ।
Priya princess panwar
शादी ..... एक सोच
शादी ..... एक सोच
Neeraj Agarwal
जिंदगी के वास्ते
जिंदगी के वास्ते
Surinder blackpen
আজকের মানুষ
আজকের মানুষ
Ahtesham Ahmad
माँ को फिक्र बेटे की,
माँ को फिक्र बेटे की,
Harminder Kaur
हादसे पैदा कर
हादसे पैदा कर
Shekhar Chandra Mitra
कैनवास
कैनवास
Mamta Rani
दिखा तू अपना जलवा
दिखा तू अपना जलवा
gurudeenverma198
*
*"ममता"* पार्ट-3
Radhakishan R. Mundhra
बात मेरे मन की
बात मेरे मन की
Sûrëkhâ Rãthí
2555.पूर्णिका
2555.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
नन्हें बच्चे को जब देखा
नन्हें बच्चे को जब देखा
Sushmita Singh
गांधी का अवतरण नहीं होता 
गांधी का अवतरण नहीं होता 
Dr. Pradeep Kumar Sharma
*** लम्हा.....!!! ***
*** लम्हा.....!!! ***
VEDANTA PATEL
ऐ दिल सम्हल जा जरा
ऐ दिल सम्हल जा जरा
Anjana Savi
* साथ जब बढ़ना हमें है *
* साथ जब बढ़ना हमें है *
surenderpal vaidya
दशहरा पर्व पर कुछ दोहे :
दशहरा पर्व पर कुछ दोहे :
sushil sarna
उदघोष
उदघोष
DR ARUN KUMAR SHASTRI
💐प्रेम कौतुक-461💐
💐प्रेम कौतुक-461💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
माँ ही हैं संसार
माँ ही हैं संसार
Shyamsingh Lodhi (Tejpuriya)
दिल से हमको
दिल से हमको
Dr fauzia Naseem shad
कुंडलिया छंद
कुंडलिया छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
चुनाव फिर आने वाला है।
चुनाव फिर आने वाला है।
नेताम आर सी
(23) कुछ नीति वचन
(23) कुछ नीति वचन
Kishore Nigam
उर्वशी कविता से...
उर्वशी कविता से...
Satish Srijan
आज के बच्चों की बदलती दुनिया
आज के बच्चों की बदलती दुनिया
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
#लघुकथा-
#लघुकथा-
*Author प्रणय प्रभात*
"अन्तरात्मा की पथिक "मैं"
शोभा कुमारी
Tum bina bole hi sab kah gye ,
Tum bina bole hi sab kah gye ,
Sakshi Tripathi
हाय गरीबी जुल्म न कर
हाय गरीबी जुल्म न कर
कृष्णकांत गुर्जर
Loading...