Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Oct 2020 · 1 min read

यूँ कोई राज़दार मत करना

यूँ कोई राज़दार मत करना
एकदम ऐतबार मत करना

सामने से लड़ो भले कुछ हो
पीठ पीछे से वार मत करना

है न इक़रार तो अभी कह दो
फ़िर से वादे हज़ार मत करना

घर का आंगन भले ही बंट जाये
दिल में लेकिन दिवार मत करना

एक अच्छी भी बात देखो ग़र
ग़ल्तियों को शुमार मत करना

इक दफ़ा हो अगर तो माफ़ी है
इक ख़ता बार – बार मत करना

सह भी लेना अगर कमी हो कुछ
सर पे हरगिज़ उधार मत करना

दिल की सुनना सदा हक़ीक़त में
ज़ह् न पर ऐतबार मत करना

दे रहा हूं सलाह दुनिया को
बस रवायत से प्यार मत करना

दिल का ‘आनन्द’ ख़याल रखना है
दिल दुखाकर के चार मत करना

– डं आनन्द किशोर

2 Likes · 183 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
फूलन देवी
फूलन देवी
Shekhar Chandra Mitra
Mere shaksiyat  ki kitab se ab ,
Mere shaksiyat ki kitab se ab ,
Sakshi Tripathi
"बढ़"
Dr. Kishan tandon kranti
💐अज्ञात के प्रति-108💐
💐अज्ञात के प्रति-108💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
यादों की सुनवाई होगी
यादों की सुनवाई होगी
Shweta Soni
कवनो गाड़ी तरे ई चले जिंदगी
कवनो गाड़ी तरे ई चले जिंदगी
आकाश महेशपुरी
!! कुछ दिन और !!
!! कुछ दिन और !!
Chunnu Lal Gupta
*घने मेघों से दिन को रात, करने आ गया सावन (मुक्तक)*
*घने मेघों से दिन को रात, करने आ गया सावन (मुक्तक)*
Ravi Prakash
एक सन्त: श्रीगुरु तेग बहादुर
एक सन्त: श्रीगुरु तेग बहादुर
Satish Srijan
हँसने-हँसाने में नहीं कोई खामी है।
हँसने-हँसाने में नहीं कोई खामी है।
लक्ष्मी सिंह
गम खास होते हैं
गम खास होते हैं
ruby kumari
जय मातु! ब्रह्मचारिणी,
जय मातु! ब्रह्मचारिणी,
Neelam Sharma
हृदय की चोट थी नम आंखों से बह गई
हृदय की चोट थी नम आंखों से बह गई
Er. Sanjay Shrivastava
हिम्मत और महब्बत एक दूसरे की ताक़त है
हिम्मत और महब्बत एक दूसरे की ताक़त है
SADEEM NAAZMOIN
फटा ब्लाउज ....लघु कथा
फटा ब्लाउज ....लघु कथा
sushil sarna
Bundeli Doha - birra
Bundeli Doha - birra
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
चमकते चेहरों की मुस्कान में....,
चमकते चेहरों की मुस्कान में....,
कवि दीपक बवेजा
मुराद
मुराद
Mamta Singh Devaa
■ सियासी नाटक
■ सियासी नाटक
*Author प्रणय प्रभात*
ऐसा क्यूं है??
ऐसा क्यूं है??
Kanchan Alok Malu
बिन सूरज महानगर
बिन सूरज महानगर
Lalit Singh thakur
मेरे प्यारे भैया
मेरे प्यारे भैया
Samar babu
इस नयी फसल में, कैसी कोपलें ये आयीं है।
इस नयी फसल में, कैसी कोपलें ये आयीं है।
Manisha Manjari
मेरा चुप रहना मेरे जेहन मै क्या बैठ गया
मेरा चुप रहना मेरे जेहन मै क्या बैठ गया
पूर्वार्थ
भीगे-भीगे मौसम में.....!!
भीगे-भीगे मौसम में.....!!
Kanchan Khanna
तेरे ख़त
तेरे ख़त
Surinder blackpen
2583.पूर्णिका
2583.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
सागर में अनगिनत प्यार की छटाएं है
सागर में अनगिनत प्यार की छटाएं है
'अशांत' शेखर
*🌹जिसने दी है जिंदगी उसका*
*🌹जिसने दी है जिंदगी उसका*
Manoj Kushwaha PS
कुंडलिया
कुंडलिया
दुष्यन्त 'बाबा'
Loading...