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1 Apr 2021 · 1 min read

मुझे भी ब्रेक चाहिए … ( एक गृहिणी की चाहत )

उम्र की ढलान पर हूं ,
कुछ अशक्त भी ,
मुझे विराम चाहिए ।

बहुत थक चुकी हूं ,
शिथिल है पग भी ,
कुछ ठहराव चाहिए ।

यह जिम्मेदारियों,
यह कर्तव्य उबाने लगे हैं ।
इनसे अब मुक्ति चाहिए ।

वही सुबह – शाम ,
वही दिन – रात मेरे ,
दिनचर्या भी वही ,
अब कुछ नया चाहिए ।

चाहिए जीवन में शांति ,
एक एकांत खुद से मिलने हेतु ,
मुझे अपनी अवैतनिक नौकरी से ,
कुछ समय के लिए ब्रेक चाहिए ।

Language: Hindi
4 Comments · 294 Views
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