मित्रो की टोली
वो मित्रो की टोली,
याद आती है होली,
वो रंगीन सूरत भोली,
उनकी मधुर मीठी बोली,
वो प्यारी सी हमजोली,
रंगों से वो है खेली,
बात बात पर वाद,
हर वाद का संवाद,
आती मुझको याद,
सुनाई देता वो नाद,
गुजर गए बरस चौबीस,
यादों में जीता जगदीश,
करू प्रार्थना है मेरे ईश,
सुखी रहे मित्र दो आशीष,
प्रेम से होते काज सरल,
क्रोध से पनपता गरल,
पर हित से होते सफल,
मेहनत नही जाती असफल,
।।।जेपीएल।।।