Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Oct 2020 · 1 min read

भुला दिया तुझे

प्यार तो किया था तुझसे बेइंतहा
दिल के हर टुकड़े पर था तुम्हारा निशां
तू मजबूरी थी मेरी
या पागल थे हम
बस यही कहानी आज कर रहे हैं बयां
चल उन कसमों से उन वादों से
फिर रिहा किया तुझे
अब जा ना यार – भुला दिया तुझे
एक वक़्त तू ही थी मुस्कुराहट मेरी
तन्हाई में गुनगुनाती सी एक आहट मेरी
तू मंजिल थी शायद
मैं मुसाफिर बना तेरा
यही सपना था और यही चाहत थी मेरी
मगर अब नाराज मत होना यार
बेफिज़ूल रुला दिया तुझे
सिर्फ इतना समझ – भुला दिया तुझे
रातों को सोने से पहले तुम्हारी कॉल
सुबह होने से पहले गुड मॉर्निंग और एक मिसकॉल
अब तो शायद धुंधला सा है
वो वक़्त वो पल
वो दिन ज़ब मैं रूठता और तू मनाती
इन छोटी छोटी बातों से तू बड़ा सताती
तारीफ़ करता ज़माना मुस्कुराहटों की मेरी
मगर वक़्त ने वक़्त से पहले सुला दिया मुझे
अब जा ना यार – भुला दिया तुझे

2 Likes · 595 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अधूरी हसरत
अधूरी हसरत
umesh mehra
बंधन यह अनुराग का
बंधन यह अनुराग का
Om Prakash Nautiyal
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Mukesh Kumar Sonkar
रमणी (कुंडलिया)
रमणी (कुंडलिया)
Ravi Prakash
गल्प इन किश एण्ड मिश
गल्प इन किश एण्ड मिश
प्रेमदास वसु सुरेखा
गोर चराने का मज़ा, लहसुन चटनी साथ
गोर चराने का मज़ा, लहसुन चटनी साथ
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
💐प्रेम कौतुक-540💐
💐प्रेम कौतुक-540💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
सावरकर ने लिखा 1857 की क्रान्ति का इतिहास
सावरकर ने लिखा 1857 की क्रान्ति का इतिहास
कवि रमेशराज
बिहार–झारखंड की चुनिंदा दलित कविताएं (सम्पादक डा मुसाफ़िर बैठा & डा कर्मानन्द आर्य)
बिहार–झारखंड की चुनिंदा दलित कविताएं (सम्पादक डा मुसाफ़िर बैठा & डा कर्मानन्द आर्य)
Dr MusafiR BaithA
#शिवाजी_के_अल्फाज़
#शिवाजी_के_अल्फाज़
Abhishek Shrivastava "Shivaji"
कुछ दिन से हम दोनों मे क्यों? रहती अनबन जैसी है।
कुछ दिन से हम दोनों मे क्यों? रहती अनबन जैसी है।
अभिनव अदम्य
#ग़ज़ल-
#ग़ज़ल-
*Author प्रणय प्रभात*
"हर दिन कुछ नया सीखें ,
Mukul Koushik
यहाँ तो सब के सब
यहाँ तो सब के सब
DrLakshman Jha Parimal
बुंदेली दोहा बिषय- नानो (बारीक)
बुंदेली दोहा बिषय- नानो (बारीक)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
2534.पूर्णिका
2534.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
शाम
शाम
Kanchan Khanna
अश्लील साहित्य
अश्लील साहित्य
Sanjay ' शून्य'
मन की बात
मन की बात
पूर्वार्थ
हर राह सफर की।
हर राह सफर की।
Taj Mohammad
आत्म अवलोकन कविता
आत्म अवलोकन कविता
कार्तिक नितिन शर्मा
रोना भी जरूरी है
रोना भी जरूरी है
Surinder blackpen
नील पदम् NEEL PADAM
नील पदम् NEEL PADAM
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
रूठते-मनाते,
रूठते-मनाते,
Amber Srivastava
बिछ गई चौसर चौबीस की,सज गई मैदान-ए-जंग
बिछ गई चौसर चौबीस की,सज गई मैदान-ए-जंग
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
इश्क में ज़िंदगी
इश्क में ज़िंदगी
Dr fauzia Naseem shad
मातु काल रात्रि
मातु काल रात्रि
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
देह धरे का दण्ड यह,
देह धरे का दण्ड यह,
महेश चन्द्र त्रिपाठी
ज़िन्दगी का सफ़र
ज़िन्दगी का सफ़र
Sidhartha Mishra
काश कही ऐसा होता
काश कही ऐसा होता
Swami Ganganiya
Loading...