Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Jan 2017 · 1 min read

बेटियां

फूल सी खुश्बू लुटातीं बेटियां
जब कभी भी मुस्कुरातीं बेटियां।

खुशनुमा माहौल होता हर तरफ
प्यार से जब खिलखिलाती बेटियां।

हो जरूरत रोशनी की ग़र कहीं
चाँद तारे तोड़ लातीं बेटियां।

नफरतों की तोड़कर दीवार सब
घर को दुल्हन सा सजातीं बेटियां।

है सुकूं मिलता यक़ीनन आजकल
घर सलामत लौट आतीं बेटियां।

क़ायदे कानून में लिपटी हुई
ख़ुद को ख़ुद से ही छुपातीं बेटियां।

है सुबकतीं वादियां भी रात दिन
दर्द दिल का जब सुनातीं बेटियां।

भाग्य उनका रूठ जाता है यहां
जिस किसी से रुठ जातीं बेटियां।

कह रहे हैं अब फरिश्ते भी यही
लाज घर घर की बचातीं बेटियां।

397 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कहती जो तू प्यार से
कहती जो तू प्यार से
The_dk_poetry
गुम है
गुम है
Punam Pande
लोभी चाटे पापी के गाँ... कहावत / DR. MUSAFIR BAITHA
लोभी चाटे पापी के गाँ... कहावत / DR. MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
अगर सीता स्वर्ण हिरण चाहेंगी....
अगर सीता स्वर्ण हिरण चाहेंगी....
Vishal babu (vishu)
Gazal
Gazal
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
इक ग़ज़ल जैसा गुनगुनाते हैं
इक ग़ज़ल जैसा गुनगुनाते हैं
Shweta Soni
श्रीराम गाथा
श्रीराम गाथा
मनोज कर्ण
#ग़ज़ल-
#ग़ज़ल-
*Author प्रणय प्रभात*
2387.पूर्णिका
2387.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
* रेत समंदर के...! *
* रेत समंदर के...! *
VEDANTA PATEL
लिखे क्या हुजूर, तारीफ में हम
लिखे क्या हुजूर, तारीफ में हम
gurudeenverma198
आ भी जाओ
आ भी जाओ
Surinder blackpen
Augmented Reality: Unveiling its Transformative Prospects
Augmented Reality: Unveiling its Transformative Prospects
Shyam Sundar Subramanian
औरत तेरी गाथा
औरत तेरी गाथा
विजय कुमार अग्रवाल
लघुकथा क्या है
लघुकथा क्या है
आचार्य ओम नीरव
*जाड़े की भोर*
*जाड़े की भोर*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
दो साँसों के तीर पर,
दो साँसों के तीर पर,
sushil sarna
मांगने से रोशनी मिलेगी ना कभी
मांगने से रोशनी मिलेगी ना कभी
Slok maurya "umang"
तुम लौट आओ ना
तुम लौट आओ ना
Anju ( Ojhal )
मेरे बस्ती के दीवारों पर
मेरे बस्ती के दीवारों पर
'अशांत' शेखर
सिर्फ तेरे चरणों में सर झुकाते हैं मुरलीधर,
सिर्फ तेरे चरणों में सर झुकाते हैं मुरलीधर,
कार्तिक नितिन शर्मा
संस्कारी बड़ी - बड़ी बातें करना अच्छी बात है, इनको जीवन में
संस्कारी बड़ी - बड़ी बातें करना अच्छी बात है, इनको जीवन में
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
ये जो मेरी आँखों में
ये जो मेरी आँखों में
हिमांशु Kulshrestha
फहराये तिरंगा ।
फहराये तिरंगा ।
Buddha Prakash
ज़ुल्फो उड़ी तो काली घटा कह दिया हमने।
ज़ुल्फो उड़ी तो काली घटा कह दिया हमने।
Phool gufran
आगे पीछे का नहीं अगल बगल का
आगे पीछे का नहीं अगल बगल का
Paras Nath Jha
गुरुकुल स्थापित हों अगर,
गुरुकुल स्थापित हों अगर,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मैं आग लगाने आया हूं
मैं आग लगाने आया हूं
Shekhar Chandra Mitra
"ज़िंदगी जिंदादिली का नाम है, मुर्दादिल क्या खाक़ जीया करते है
Mukul Koushik
*रिश्ते*
*रिश्ते*
Dushyant Kumar
Loading...