Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Jan 2017 · 1 min read

बेटियां

बेटीयां है अनमोल,
इनको तु ना तोल।
बेटे से बढकर ही,
ये करती रखवाली है।।
माँ की सहेली है ये,
पिता की चिड़कोलि है।
भाई के लिए तो जैसे,
दुआओं की थाली है।।
क्यों है कुलदीपक की चाह,
भूली क्यों है ये गृह मां।
बेटी भर देती है भंडार,
जैसे लक्ष्मी संग दिवाली है।।
क्यों है फिर भी संशय,
पुरुषप्रधान ही क्यों है मतव्य।
क्या युद्ध के हालत में भी,
सुनी नहीं रानी लक्ष्मी की थाति है।।
बेटी से चलता है कुल,
भ्रम में जाते हो भूल।
क्या बेटियों के बिना ही,
बहुओं की कल्पना की जाती है।।
बेटियों को तू इतना समझ,
संसार की दिव्य सत्ता समझ।
चाँद नहीं ये सूरज है,
दुर्गा सी बेटियों से ये धरा थर्राई है।।
बेटियां है अनमोल,
इनको तू ना तोल।
बेटे से बढकर ये,
करती रखवाली है।।
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ ।।
समाज को, सुसभ्य बनाओ।।
(रचनाकार- डॉ शिव लहरी)

Language: Hindi
3 Likes · 1 Comment · 1076 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डॉ. शिव लहरी
View all
You may also like:
सर्दी में कोहरा गिरता है बरसात में पानी।
सर्दी में कोहरा गिरता है बरसात में पानी।
ख़ान इशरत परवेज़
शृंगार छंद
शृंगार छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
मां नर्मदा प्रकटोत्सव
मां नर्मदा प्रकटोत्सव
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय लम्बोदराय सकलाय जगद्धितायं।
विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय लम्बोदराय सकलाय जगद्धितायं।
Shashi Dhar Kumar
ग़ज़ल
ग़ज़ल
विमला महरिया मौज
वादा करती हूं मै भी साथ रहने का
वादा करती हूं मै भी साथ रहने का
Ram Krishan Rastogi
कोशिश करना आगे बढ़ना
कोशिश करना आगे बढ़ना
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
समस्या का समाधान
समस्या का समाधान
Paras Nath Jha
दो शब्द यदि हम लोगों को लिख नहीं सकते
दो शब्द यदि हम लोगों को लिख नहीं सकते
DrLakshman Jha Parimal
ज़िंदगी की ज़रूरत में
ज़िंदगी की ज़रूरत में
Dr fauzia Naseem shad
पावस
पावस
लक्ष्मी सिंह
"ख़्वाहिश"
Dr. Kishan tandon kranti
।। कसौटि ।।
।। कसौटि ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
राजा-रानी अलविदा, अब जन की सरकार (कुंडलिया)
राजा-रानी अलविदा, अब जन की सरकार (कुंडलिया)
Ravi Prakash
नारी अस्मिता
नारी अस्मिता
Shyam Sundar Subramanian
सुनो सखी !
सुनो सखी !
Manju sagar
मां रा सपना
मां रा सपना
Rajdeep Singh Inda
हे सर्दी रानी कब आएगी तू,
हे सर्दी रानी कब आएगी तू,
ओनिका सेतिया 'अनु '
"परीक्षा के भूत "
Yogendra Chaturwedi
ग़म
ग़म
Harminder Kaur
वो ख़्वाहिशें जो सदियों तक, ज़हन में पलती हैं, अब शब्द बनकर, बस पन्नों पर बिखरा करती हैं।
वो ख़्वाहिशें जो सदियों तक, ज़हन में पलती हैं, अब शब्द बनकर, बस पन्नों पर बिखरा करती हैं।
Manisha Manjari
तेरे बग़ैर ये ज़िंदगी अब
तेरे बग़ैर ये ज़िंदगी अब
Mr.Aksharjeet
" मन भी लगे बवाली "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
भोजपुरी गायक
भोजपुरी गायक
Shekhar Chandra Mitra
■ भविष्यवाणी...
■ भविष्यवाणी...
*Author प्रणय प्रभात*
(आखिर कौन हूं मैं )
(आखिर कौन हूं मैं )
Sonia Yadav
3026.*पूर्णिका*
3026.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अलविदा नहीं
अलविदा नहीं
Pratibha Pandey
बदल कर टोपियां अपनी, कहीं भी पहुंच जाते हैं।
बदल कर टोपियां अपनी, कहीं भी पहुंच जाते हैं।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
रोम-रोम में राम....
रोम-रोम में राम....
डॉ.सीमा अग्रवाल
Loading...