Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Jun 2021 · 1 min read

“बारिश संग बदरिया”

लालिमा छाई है
माह सावन का
चमक रही बिजली
घुमड़ रही बदरिया,
तन को कर स्पर्श
मचाए यह गुदगुदी
सुरीली आवाज संग
चले जब मंद हवा,
कागज की ले नाव
फुदक रहा बचपन
शीतल फुहार छूकर
मचले खूब जवानियां,
पत्तों पर बैठी ओस
टपके जब चले हवा
गलियों में है कीचड़
झूमे तब पैर धंसा,
चाय की है गरमाहट
दिख रही हैं कचौरियां
तड़ित की गड़गड़ाहट
तल रही हैं पकोड़ियां,
मन ही मन वृद्ध
याद कर मुस्कुराया
जवानी कितनी सुहानी
क्यों बुढ़ापा आया ?
नृत्य लीला मयूर की
प्रसन्नचित्त देख बदरा
कोयल ने छेड़ राग
शमा है महकाया,
खुश झरनों संग गिरी
आनंदित हुई है धरा
सरिता कल कल करे
प्रवाह जल समुद्र में गिरा,

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 877 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Meenu Poonia
View all
You may also like:
हर शेर हर ग़ज़ल पे है ऐसी छाप तेरी - संदीप ठाकुर
हर शेर हर ग़ज़ल पे है ऐसी छाप तेरी - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
मेहनत के दिन हमको , बड़े याद आते हैं !
मेहनत के दिन हमको , बड़े याद आते हैं !
Kuldeep mishra (KD)
बसंत पंचमी
बसंत पंचमी
नवीन जोशी 'नवल'
💐प्रेम कौतुक-523💐
💐प्रेम कौतुक-523💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
भारत का फौजी जवान
भारत का फौजी जवान
Satish Srijan
तेरी महबूबा बनना है मुझे
तेरी महबूबा बनना है मुझे
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
जुदाई की शाम
जुदाई की शाम
Shekhar Chandra Mitra
वृंदावन की कुंज गलियां 💐
वृंदावन की कुंज गलियां 💐
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
राम पर हाइकु
राम पर हाइकु
Sandeep Pande
..........?
..........?
शेखर सिंह
हौसला
हौसला
डॉ. शिव लहरी
अपूर्ण नींद और किसी भी मादक वस्तु का नशा दोनों ही शरीर को अन
अपूर्ण नींद और किसी भी मादक वस्तु का नशा दोनों ही शरीर को अन
Rj Anand Prajapati
ज़िंदगी को इस तरह भी
ज़िंदगी को इस तरह भी
Dr fauzia Naseem shad
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी कई मायनों में खास होती है।
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी कई मायनों में खास होती है।
Shashi kala vyas
कोरोना महामारी
कोरोना महामारी
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
लालच का फल
लालच का फल
Dr. Pradeep Kumar Sharma
आजादी का
आजादी का "अमृत महोत्सव"
राकेश चौरसिया
जिंदगी में हजारों लोग आवाज
जिंदगी में हजारों लोग आवाज
Shubham Pandey (S P)
*पानी बरसा हो गई, आफत में अब जान (कुंडलिया)*
*पानी बरसा हो गई, आफत में अब जान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
फ़साना-ए-उल्फ़त सुनाते सुनाते
फ़साना-ए-उल्फ़त सुनाते सुनाते
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
23/81.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/81.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
माँ दुर्गा की नारी शक्ति
माँ दुर्गा की नारी शक्ति
कवि रमेशराज
* कुण्डलिया *
* कुण्डलिया *
surenderpal vaidya
तुम ही रहते सदा ख्यालों में
तुम ही रहते सदा ख्यालों में
Dr Archana Gupta
ये जो आँखों का पानी है बड़ा खानदानी है
ये जो आँखों का पानी है बड़ा खानदानी है
कवि दीपक बवेजा
!! चहक़ सको तो !!
!! चहक़ सको तो !!
Chunnu Lal Gupta
यारों की आवारगी
यारों की आवारगी
The_dk_poetry
आलेख - मित्रता की नींव
आलेख - मित्रता की नींव
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
बचपन में थे सवा शेर जो
बचपन में थे सवा शेर जो
VINOD CHAUHAN
जिन्हें रोते-रोते
जिन्हें रोते-रोते
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...