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28 Nov 2021 · 1 min read

फूल माला (मुक्तक)

फूल माला (मुक्तक)
————————————————–
गले में मोतियों का हार कर देता उजाला है
कदाचित सत्य है होता बड़ा सुंदर दुशाला है
गगन से जोड़ती है किंतु ऋतु की गंध ही आकर
अनूठी दिव्यता करती सृजन बस फूल-माला है
————————————————–
रचयिता :रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 99976 15451

Language: Hindi
314 Views
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