Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Oct 2021 · 1 min read

फल(कुंडलिया)

फल 【कुंडलिया】
■■■■■■■■■■■■■■■■■
खाओ केला संतरा , लीची सेब अनार
इनमें स्वाद भरा हुआ ,यह पौष्टिक आहार
यह पौष्टिक आहार ,स्वास्थ्यवर्धक बल-दाता
रहता सदा निरोग ,नित्य फल जो भी खाता
कहते रवि कविराय , देह को पुष्ट बनाओ
तली-भुनी को छोड़ ,मौसमी फल को खाओ
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

1 Comment · 182 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
क्या होगा कोई ऐसा जहां, माया ने रचा ना हो खेल जहां,
क्या होगा कोई ऐसा जहां, माया ने रचा ना हो खेल जहां,
Manisha Manjari
पितृपक्ष
पितृपक्ष
Neeraj Agarwal
रमेशराज के 12 प्रेमगीत
रमेशराज के 12 प्रेमगीत
कवि रमेशराज
💐Prodigy Love-40💐
💐Prodigy Love-40💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
आधी बीती जून, मिले गर्मी से राहत( कुंडलिया)
आधी बीती जून, मिले गर्मी से राहत( कुंडलिया)
Ravi Prakash
उफ ये सादगी तुम्हारी।
उफ ये सादगी तुम्हारी।
Taj Mohammad
5-सच अगर लिखने का हौसला हो नहीं
5-सच अगर लिखने का हौसला हो नहीं
Ajay Kumar Vimal
फेसबुक पर सक्रिय रहितो अनजान हम बनल रहैत छी ! आहाँ बधाई शुभक
फेसबुक पर सक्रिय रहितो अनजान हम बनल रहैत छी ! आहाँ बधाई शुभक
DrLakshman Jha Parimal
दिल की हरकते दिल ही जाने,
दिल की हरकते दिल ही जाने,
Lakhan Yadav
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
* नाम रुकने का नहीं *
* नाम रुकने का नहीं *
surenderpal vaidya
ख़ुद को यूं ही
ख़ुद को यूं ही
Dr fauzia Naseem shad
मुद्दा मंदिर का
मुद्दा मंदिर का
जय लगन कुमार हैप्पी
खुशियों का बीमा
खुशियों का बीमा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
बहुत जरूरी है तो मुझे खुद को ढूंढना
बहुत जरूरी है तो मुझे खुद को ढूंढना
Ranjeet kumar patre
पढ़ने को आतुर है,
पढ़ने को आतुर है,
Mahender Singh
पूर्वोत्तर का दर्द ( कहानी संग्रह) समीक्षा
पूर्वोत्तर का दर्द ( कहानी संग्रह) समीक्षा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
"मतदान"
Dr. Kishan tandon kranti
कैदी
कैदी
Tarkeshwari 'sudhi'
चले ससुराल पँहुचे हवालात
चले ससुराल पँहुचे हवालात
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
"बच्चे "
Slok maurya "umang"
#अनुभूत_अभिव्यक्ति
#अनुभूत_अभिव्यक्ति
*Author प्रणय प्रभात*
बात-बात पर क्रोध से, बढ़ता मन-संताप।
बात-बात पर क्रोध से, बढ़ता मन-संताप।
डॉ.सीमा अग्रवाल
चिकने घड़े
चिकने घड़े
ओनिका सेतिया 'अनु '
ओ माँ... पतित-पावनी....
ओ माँ... पतित-पावनी....
Santosh Soni
(13) हाँ, नींद हमें भी आती है !
(13) हाँ, नींद हमें भी आती है !
Kishore Nigam
मरीचिका
मरीचिका
लक्ष्मी सिंह
हलमुखी छंद
हलमुखी छंद
Neelam Sharma
अलबेला अब्र
अलबेला अब्र
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
मन मूरख बहुत सतावै
मन मूरख बहुत सतावै
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Loading...