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26 Nov 2021 · 1 min read

प्रेम-बरसात

****** प्रेम-बरसात *******
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यही तो है आपकी सौगात,
शूक्रिया की जो दिल की बात।

मुख देख कर नहीं होती बात,
चेहरे तो देते हैं सदा ही मात।

जज़्बात बताएं दिल की बात,
नैनों से होती है प्रेम बरसात।

गैर आ कर थाम लेते हैं हाथ,
अपने पहुंचाते गहरे आघात।

धर्म-जाति है विष का प्याला,
प्यार न पूछता धर्म और जात।

मनसीरत प्रेम भाषा है समझो,
जीवन मे हो अच्छी शुरुआत।
***********************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

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