Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Apr 2020 · 1 min read

प्रीतम

कागा चुग गए मोरे नैनन को
किस बिध पिया देखूं तोय
दो नयनन के अजब खेल में
पिया जीते न ही मोय
~ पुर्दिल सिद्धार्थ

प्रीत परा था मन के आंगन में
मन ढूंढे सगरे संसार
प्रीतम मिले तो कह दूंगी
मिलन में मन नहीं दीवार
~ सिद्धार्थ

Language: Hindi
2 Likes · 390 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
शहर की गर्मी में वो छांव याद आता है, मस्ती में बिता जहाँ बचप
शहर की गर्मी में वो छांव याद आता है, मस्ती में बिता जहाँ बचप
Shubham Pandey (S P)
अलाव की गर्माहट
अलाव की गर्माहट
Arvina
धर्म का मर्म समझना है ज़रूरी
धर्म का मर्म समझना है ज़रूरी
Dr fauzia Naseem shad
प्रतीक्षा, प्रतियोगिता, प्रतिस्पर्धा
प्रतीक्षा, प्रतियोगिता, प्रतिस्पर्धा
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
मुझे भी आकाश में उड़ने को मिले पर
मुझे भी आकाश में उड़ने को मिले पर
Charu Mitra
तुझसा कोई प्यारा नहीं
तुझसा कोई प्यारा नहीं
Mamta Rani
मेरी कानपुर से नई दिल्ली की यात्रा का वृतान्त:-
मेरी कानपुर से नई दिल्ली की यात्रा का वृतान्त:-
Adarsh Awasthi
भोर
भोर
Kanchan Khanna
आदर्श
आदर्श
Bodhisatva kastooriya
*जब नशा साँसों में घुलता, मस्त मादक चाल है (मुक्तक)*
*जब नशा साँसों में घुलता, मस्त मादक चाल है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
एस. पी.
एस. पी.
Dr. Pradeep Kumar Sharma
ख़ुद्दार बन रहे हैं पर लँगड़ा रहा ज़मीर है
ख़ुद्दार बन रहे हैं पर लँगड़ा रहा ज़मीर है
पूर्वार्थ
दुःख  से
दुःख से
Shweta Soni
2948.*पूर्णिका*
2948.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दोहा- अभियान
दोहा- अभियान
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
Help Each Other
Help Each Other
Dhriti Mishra
ये शास्वत है कि हम सभी ईश्वर अंश है। परंतु सबकी परिस्थितियां
ये शास्वत है कि हम सभी ईश्वर अंश है। परंतु सबकी परिस्थितियां
Sanjay ' शून्य'
जिन्दगी
जिन्दगी
लक्ष्मी सिंह
---- विश्वगुरु ----
---- विश्वगुरु ----
सूरज राम आदित्य (Suraj Ram Aditya)
गजल
गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
तेरी गली से निकलते हैं तेरा क्या लेते है
तेरी गली से निकलते हैं तेरा क्या लेते है
Ram Krishan Rastogi
अधखिली यह कली
अधखिली यह कली
gurudeenverma198
ये सुबह खुशियों की पलक झपकते खो जाती हैं,
ये सुबह खुशियों की पलक झपकते खो जाती हैं,
Manisha Manjari
हमारा देश
हमारा देश
Neeraj Agarwal
■ स्वाद के छह रसों में एक रस
■ स्वाद के छह रसों में एक रस "कड़वा" भी है। जिसे सहज स्वीकारा
*Author प्रणय प्रभात*
रोशन है अगर जिंदगी सब पास होते हैं
रोशन है अगर जिंदगी सब पास होते हैं
VINOD CHAUHAN
💐प्रेम कौतुक-165💐
💐प्रेम कौतुक-165💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
अन्ना जी के प्रोडक्ट्स की चर्चा,अब हो रही है गली-गली
अन्ना जी के प्रोडक्ट्स की चर्चा,अब हो रही है गली-गली
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
"तुम्हारे रहने से"
Dr. Kishan tandon kranti
6) जाने क्यों
6) जाने क्यों
पूनम झा 'प्रथमा'
Loading...