Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Dec 2016 · 1 min read

परदेशी-परदेशी तुम जाना नहीं

एक साहिब ने एक नौकर लगाया।
नौकर ने अपना नाम परदेशी बताया।
परदेशी ने ड्यूटी फर्ज ऐसा निभाया।
चार दिन की छुट्टी मारी, एकदिन आफिस-
को आया।
साहिब को बहुत गुस्सा आया,झट से नौकर
को बुलाया,उसकी तरफ देखा और चिल्लाया।
अबे,परदेशी!कल से आफिस को आना नहीं।
मुझे तेरे जैसा नौकर रखना नहीं,भाना नहीं।
इस पर परदेशी बोला,क्या कहते हो?साहिब,
कल से आफिस में आना नहीं।
आज तो बच्चे-बच्चे की जुबान पर है…
परदेशी-परदेशी तुम जाना नहीं…जाना नहीं।

Language: Hindi
1 Like · 400 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from आर.एस. 'प्रीतम'
View all
You may also like:
एकाकी
एकाकी
Dr.Pratibha Prakash
काश़ वो वक़्त लौट कर
काश़ वो वक़्त लौट कर
Dr fauzia Naseem shad
2408.पूर्णिका🌹तुम ना बदलोगे🌹
2408.पूर्णिका🌹तुम ना बदलोगे🌹
Dr.Khedu Bharti
भारत मां की लाज रखो तुम देश के सर का ताज बनो
भारत मां की लाज रखो तुम देश के सर का ताज बनो
कवि दीपक बवेजा
रक्षाबंधन
रक्षाबंधन
Sanjay ' शून्य'
फूल खिलते जा रहे हैं हो गयी है भोर।
फूल खिलते जा रहे हैं हो गयी है भोर।
surenderpal vaidya
है कौन वहां शिखर पर
है कौन वहां शिखर पर
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
समस्या का समाधान
समस्या का समाधान
Paras Nath Jha
सजावट की
सजावट की
sushil sarna
बाप की गरीब हर लड़की झेल लेती है लेकिन
बाप की गरीब हर लड़की झेल लेती है लेकिन
शेखर सिंह
हम यह सोच रहे हैं, मोहब्बत किससे यहाँ हम करें
हम यह सोच रहे हैं, मोहब्बत किससे यहाँ हम करें
gurudeenverma198
* पानी केरा बुदबुदा *
* पानी केरा बुदबुदा *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मैं गीत हूं ग़ज़ल हो तुम न कोई भूल पाएगा।
मैं गीत हूं ग़ज़ल हो तुम न कोई भूल पाएगा।
सत्य कुमार प्रेमी
भय, भाग्य और भरोसा (राहुल सांकृत्यायन के संग) / MUSAFIR BAITHA
भय, भाग्य और भरोसा (राहुल सांकृत्यायन के संग) / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
यशस्वी भव
यशस्वी भव
मनोज कर्ण
वह दिन जरूर आयेगा
वह दिन जरूर आयेगा
Pratibha Pandey
जीवन में बहुत संघर्ष करना पड़ता है और खासकर जब बुढ़ापा नजदीक
जीवन में बहुत संघर्ष करना पड़ता है और खासकर जब बुढ़ापा नजदीक
Shashi kala vyas
राख देख  शमशान  में, मनवा  करे सवाल।
राख देख शमशान में, मनवा करे सवाल।
दुष्यन्त 'बाबा'
एक तुम्हारे होने से...!!
एक तुम्हारे होने से...!!
Kanchan Khanna
कहीं दूर चले आए हैं घर से
कहीं दूर चले आए हैं घर से
पूर्वार्थ
■ परिहास...
■ परिहास...
*Author प्रणय प्रभात*
प्रीति क्या है मुझे तुम बताओ जरा
प्रीति क्या है मुझे तुम बताओ जरा
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
दो दिन का प्यार था छोरी , दो दिन में ख़त्म हो गया |
दो दिन का प्यार था छोरी , दो दिन में ख़त्म हो गया |
The_dk_poetry
💐अज्ञात के प्रति-124💐
💐अज्ञात के प्रति-124💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
अगर, आप सही है
अगर, आप सही है
Bhupendra Rawat
हाजीपुर
हाजीपुर
Hajipur
मां बाप
मां बाप
Mukesh Kumar Sonkar
*शुभ गणतंत्र दिवस कहलाता (बाल कविता)*
*शुभ गणतंत्र दिवस कहलाता (बाल कविता)*
Ravi Prakash
" मटको चिड़िया "
Dr Meenu Poonia
"महसूस"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...