न चाही तानाशाही (कुंडलिया)
न चाही तानाशाही (कुंडलिया)
■■■■■■■■■■■■■■■■■
तानाशाही से बचे ,बने नम्र रणछोड़
झुकने में ज्यादा मजा ,झुकना यह बेजोड़
झुकना यह बेजोड़ ,पुलिस कब फौज बुलाई
लोकतंत्र को रौंद ,न दादागिरी चलाई
कहते रवि कविराय ,सहज पथ के तुम राही
मोदी तुम हो धन्य ,न चाही तानाशाही
★★★★★★★★★★★★★★★★
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451