नववर्ष
नववर्ष का संकल्प
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चलो चलें कुछ नवा करें
अबकी इस नववर्ष में
संकल्प साधलो हे मानव
कही भुल न जाना हर्ष में।
कहीं ना कोई भुखा सोये
भुख से कहीं कोई ना रोये
स्व मृत्यु का वरण करे न
कोई कृषक न आपा खोये
कृषृ को स्वालंबी बनावे
अबकी हम इस वर्ष में
संकल्प साधलो हे मानव
कहीं भुल न जाना हर्ष में।
आतंकवाद का जोर बड़ा है
चिख पुकार चहुओर मचा है
मानवता कुण्ठित हो जैसे
हर हृदय रणक्षेत्र बना है
मानवता को रखेंगे अक्षुण्ण
अबकी हम इस वर्ष में
संकल्प साधलो हे मानव
कही भुल न जाना हर्ष में।
हृदय सरोवर में विकसित हो
बन्धु भाव के सुरभित शतदल
हर मन प्रेम की गंग बहाये
जैसे बहती नदियां कलकल
प्रेम भाव हृदय में भर ले
अबकी हम इस वर्ष में
संकल्प साधलो हे मानव
कहीं भुल न जाना हर्ष में।
चलो हृदय हर आश जगायें
आशाओं के दीप जलाऐं
घृणा, ईर्ष्या, द्वेष से पल्वित
अंधियारे को दूर भगायें
अंधियारे को दूर करे हम
संकल्प करें इस वर्ष में
संकल्प साधलो हे मानव
कहीं भुल नं जाना हर्ष में।
…………………..✍
पं.संजीव शुक्ल “सचिन”
नववर्ष 2?18 की मंगलमय, सुखमय, शान्तिपूर्ण, आनंदमय कोटिशः हार्दिक अग्रिम शुभकामनाएं।
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