नफरत की आग
उल्टा चोर कोतवाल को डांटे,
खुद बिखेरे औरों की राह में कांटे ,
फिर पूछते हो यह नफरत की आग किसने लगाई है !
तुमने खुद ही तो वतन में बारूद थे बांटे ।
उल्टा चोर कोतवाल को डांटे,
खुद बिखेरे औरों की राह में कांटे ,
फिर पूछते हो यह नफरत की आग किसने लगाई है !
तुमने खुद ही तो वतन में बारूद थे बांटे ।