दीवाली(कुंडलिया)
दीवाली (कुंडलिया)
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दीवाली का अर्थ है , अंधेरे को मात
चलती रहती जिंदगी , चाहे कितनी रात
चाहे कितनी रात ,उजाले की जय बोलो
जब हो जाए शाम ,दीप की खिड़की खोलो
कहते रवि कविराय ,न दीखे धरती काली
जलें अनगिनत दीप , रात्रि जीते दीवाली
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 99976 15451