Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Oct 2021 · 1 min read

थका हुआ सुबह

———————–
सुबह थका सा उगा।
क्या तुम्हारा भी!
नींद लेती रही करवटें
मेरे बगल में पड़ी-पड़ी।
अन्न को सोचती रही।

पानी ने बड़ा उधम मचाया।
पेट में रात भर।
फलदार वृक्षों की छाया में,
कोमल पत्तियों के नीचे
ले जाता रहा रात भर।

कल था मेरे पास
गठरी आश्वासनों की।
बेली न जा सकी रोटियाँ।
मेरे वोट के बदले मेरे पास
रोजगार आज भी है।
दिन भर
रेजगारी की तरह
बँटता रहूँगा।
शाम को,लगभग खाली हाथ।
आज मैं रोउंगा रात भर
कल ‘गब्बर’ के साथ।
कैसे रुकूँ?
गब्बर मेरा शौक नहीं इलाज है,
इसलिए।
————————

Language: Hindi
142 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
💐प्रेम कौतुक-517💐
💐प्रेम कौतुक-517💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
दोहा
दोहा
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
🌿⚘️ मेरी दिव्य प्रेम कविता ⚘️🌿
🌿⚘️ मेरी दिव्य प्रेम कविता ⚘️🌿
Ms.Ankit Halke jha
😢सीधी-सीख😢
😢सीधी-सीख😢
*Author प्रणय प्रभात*
बेरोजगारी
बेरोजगारी
पंकज कुमार कर्ण
Kathputali bana sansar
Kathputali bana sansar
Sakshi Tripathi
अभिव्यक्ति का दुरुपयोग एक बहुत ही गंभीर और चिंता का विषय है। भाग - 06 Desert Fellow Rakesh Yadav
अभिव्यक्ति का दुरुपयोग एक बहुत ही गंभीर और चिंता का विषय है। भाग - 06 Desert Fellow Rakesh Yadav
Desert fellow Rakesh
मैं रूठ जाता हूँ खुद से, उससे, सबसे
मैं रूठ जाता हूँ खुद से, उससे, सबसे
सिद्धार्थ गोरखपुरी
3022.*पूर्णिका*
3022.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
देश हमारा भारत प्यारा
देश हमारा भारत प्यारा
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
!! गुलशन के गुल !!
!! गुलशन के गुल !!
Chunnu Lal Gupta
मंजिल-ए-मोहब्बत
मंजिल-ए-मोहब्बत
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
गुनो सार जीवन का...
गुनो सार जीवन का...
डॉ.सीमा अग्रवाल
आँखों   पर   ऐनक   चढ़ा   है, और  बुद्धि  कुंद  है।
आँखों पर ऐनक चढ़ा है, और बुद्धि कुंद है।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
शे’र/ MUSAFIR BAITHA
शे’र/ MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
दूर हमसे वो जब से जाने लगे हैंं ।
दूर हमसे वो जब से जाने लगे हैंं ।
Anil chobisa
ज़िन्दगी एक उड़ान है ।
ज़िन्दगी एक उड़ान है ।
Phool gufran
हर किसी के पास एक जैसी ज़िंदगी की घड़ी है, फिर एक तो आराम से
हर किसी के पास एक जैसी ज़िंदगी की घड़ी है, फिर एक तो आराम से
पूर्वार्थ
"काला पानी"
Dr. Kishan tandon kranti
मृत्यु भय
मृत्यु भय
DR ARUN KUMAR SHASTRI
क्या विरासत में
क्या विरासत में
Dr fauzia Naseem shad
पारख पूर्ण प्रणेता
पारख पूर्ण प्रणेता
प्रेमदास वसु सुरेखा
अच्छे थे जब हम तन्हा थे, तब ये गम तो नहीं थे
अच्छे थे जब हम तन्हा थे, तब ये गम तो नहीं थे
gurudeenverma198
मित्रो नमस्कार!
मित्रो नमस्कार!
अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि
धनमद
धनमद
Sanjay ' शून्य'
चलो एक बार फिर से ख़ुशी के गीत गायें
चलो एक बार फिर से ख़ुशी के गीत गायें
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
यहां कुछ भी स्थाई नहीं है
यहां कुछ भी स्थाई नहीं है
शेखर सिंह
17रिश्तें
17रिश्तें
Dr Shweta sood
कुछ लिखा हू तुम्हारी यादो में
कुछ लिखा हू तुम्हारी यादो में
देवराज यादव
"दीप जले"
Shashi kala vyas
Loading...