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26 Nov 2021 · 1 min read

जिद

मुक्तक /
उनकी जिद है कि इंसान को परेशां कर दें।
चौक-चौराहों को बदरंग कर कूड़ा भर दें ।।
बीज अलगाव के बोकर उगा दें कंटक।
देश के सीने में चुपचाप घोंप खंजर दें ।।

जगदीश शर्मा सहज

Language: Hindi
442 Views
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